About the Author
Frederick McCarthy Forsyth CBE (born 25 August 1938) is an English novelist and journalist. He is best known for thrillers such as The Day of the Jackal, The Odessa File, The Fourth Protocol, The Dogs of War, The Devil's Alternative, The Fist of God, Icon, The Veteran, Avenger, The Afghan, The Cobra and The Kill List. know more about him
The Black Aeroplane
The moon was coming up in the east , behind me , and stars were shining in the clear sky above me . There wasn't a cloud in the sky . I was happy to be alone high up above the sleeping countryside . I was flying my old Dakota aeroplane over France back to England . I was dreaming of my holiday and looking forward to being with my family चन्द्रमा पूरब मे मेरे पीछे ऊपर आ रहा था और मेरे ऊपर साफ आसमान में सितारे चमक रहे थे ; आकाश में बादल नहीं था , सोते हुए देहात के ऊपर ऊँचाई पर मैं अकेला होकर भी प्रसन्न था । मैं अपनी पुरानी डाकोटा वायुयान फ्रांस के ऊपर वापस इंग्लैण्ड के लिए उड़ा रहा था । मैं अपनी छुट्टियों का स्वप्न देख रहा था तथा अपने परिवार के साथ होने के लिए उत्सुक था ।
I looked at my watch : one thirty in the morning . ' I should call Paris Control soon , ' I thought . As I looked down past the nose of the aeroplane , I saw the lights of a big city in front of me . I switched on the radio and said , " Paris Control , Dakota DS 088 here . Can you hear me ? I'm on my way to England . Over . " मैंने अपनी घड़ी देखी , समय था प्रातः डेढ़ बजे का । मैंने सोचा मुझे शीघ्र ही पेरिस नियन्त्रण कक्ष से बात करनी चाहिए ; जैसे ही मैंने वायुयान के अगले भाग से आगे देखा , मैंने अपने सामने बड़े शहर का प्रकाश देखा । मैंने रेडियो चलाया तथा कहा : “ पेरिस नियन्त्रण कक्ष डाकोटा डी.एस 088 है क्या । आप मुझे सुन सकते हैं ? मैं इंग्लैण्ड जा रहा हूँ । समाप्त ' ।
The voice from the radio answered me immediately : " DS 088 , I can hear you . You ought to turn twelve degrees west now , DS 088. Over . " I checked the map and the compass , switched over to my second and last fuel tank , and turned the Dakota twelve degrees west towards England . I'll be in time for breakfast , I thought . A good big English breakfast ! Everything was going well - it was an easy flight . रेडियो से आवाज ने तुरंत उत्तर दिया : ' डि एस . 088. मैं तुम्हें सुन सकता हूँ । अब तुम्हें बारह डिग्री पश्चिम को मुड़ जाना चाहिए , डी.एस. 088. समाप्त । ' मैंने मानचित्र तथा दिशा सूचक यन्त्र का निरीक्षण किया , दूसरा तथा अन्तिम ईंधन का टैंक चालू किया तथा डाकोटा को बारह डिग्री पश्चिम इंग्लैण्ड की ओर मोड़ा । " मैं नाश्ते के ठीक समय पहुँच जाऊँगा , " मैंने सोचा । एक अच्छा बड़ा अंग्रेजी नाश्ता होगा । सब कुछ ठीक था यह एक आसान उड़ान थी ।
Paris was about 150 kilometres behind me when I saw the clouds . Storm clouds . They were huge . They looked like black mountains standing in front of me across the sky . I knew I could not fly up and over them , and I did not have enough fuel to fly around them to the north or south . " I ought to go back to Paris , " I thought , but I wanted to get home . I wanted that breakfast . I'll take the risk , ' I thought , and flew that old Dakota straight into the storm .जब मैंने बादल देखे पेरिस 150 किमी मेरे पीछे था तूफान वाले बादल । वे बहुत बड़े थे । वे मेरे सामने आकाश में खड़े हुए काले पर्वत जैसे प्रतीत हो रहे थे । मैं जानता था कि मैं उनके ऊपर से नहीं ऊड़ सकता था । तथा उत्तर या दक्षिण की ओर बादलों का चक्कर लगाने का पर्याप्त ईंधन मेरे पास नहीं था । मुझे पेरिस लौटना चाहिए , ' मैंने सोचा , पर मैं घर जाना चाहता था । मुझे वह नाश्ता चाहिए था । ' " मैं जोखिम उठाऊंगा , " मैंने सोचा , तथा उस पुराने डाकोटा को सीधे आँधी में उठाया ।
Inside the clouds , everything was suddenly black . It was impossible to see anything outside the aeroplane . The old aeroplane jumped and twisted in the air . I looked at the compass . I couldn't believe my eyes : the compass was turning round and round and round . It was dead . It would not work ! The other instruments were suddenly dead , too . I tried the radio . " Paris Control ? Paris Control ? Can you hear me ? " There was no answer . The radio was dead too . बादलों के बीच अचानक सभी कुछ काला था । वायुयान के बाहर कुछ भी देखना असम्भव था । पुराना वायुयान हवा में उछला तथा मुड़ा । मैंने दिशासूचक यन्त्र देखा । मैं अपनी आंखों पर विश्वास नहीं कर सकता था । दिशा सूचक यन्त्र भी अचानक खराब हो गए । दूसरे यन्त्र भी अचानक खराब हो गये । मैंने रेडियों चलाने का प्रयत्न किया । ' पेरिस नियन्त्रण कक्ष ? क्या आप मुझे सुन सकते हैं ? कोई उत्तर नहीं मिला । रेडियो भी खराब था ।
I had no radio , no compass , and I could not see where I was . I was lost in the storm . Then , in the black quite near me , I saw another aeroplane . It had no lights on its wings , but I could see it flying next to me through the storm . Icould see the pilot's face - turned towards me.I was very glad to see another person . He lifted one hand and waved . . " Follow me , " he was saying . " Follow me . " ' He knows that I am lost , Ithought . ' He's trying to help me . ' मेरे पास न रेडियों था , न दिशा यंत्र तथा मैं देख भी नहीं सकता था कि मैं कहा हूँ । मैं आधी में खो गया था । तब अपने काफी समीप काले बादलों में मैंने एक दूसरा वायुयान देखा । उसके परों पर प्रकाश नहीं था , पर मैं उसे अपने आगे आंधी में उड़ता देख सकता था । मैं चालक का चेहरा अपनी ओर मुड़ा हुआ देख सकता था । दूसरे व्यक्ति को देखकर मैं प्रसन्न था । उसने एक हाथ उठाया तथा हिलाया । " मेरे पीछे आओ ' ' वह कह रहा था । " मेरे पीछे आओ " वह जानता था कि मैं खो ( तूफान में ) चुका हूँ । मैंने सोचा , वह मेरी सहायता करने की कोशिश कर रहा है ।
He turned his aeroplane slowly to the north , in front of my Dakota , so that it would be easier for me to follow him . I was very happy to go behind the strange aeroplane like an obedient child . After half an hour the strange black aeroplane was still there in front of me in the clouds . Now there was only enough fuel in the old Dakota's last tank to fly for five or ten minutes more .उसने धीरे - धीरे अपना वायुयान उत्तर की और मेरे डाकोटा के आगे मोड़ा ताकि मेरे लिए उसके पीछे जाना अधिक सरल हो सके । एक आज्ञाकारी बच्चे की भांति उस अजनबी वायुयान के पीछे जाते हुए मैं प्रसन्न था । आधे घंटे बाद भी वह अजनबी काला वायुयान बादलों में मेरे आगे था । अब केवल पाँच या दस मिनट और उड़ने का पेट्रोल पुराने डाकोटा में बचा था ।
I was starting to feel frightened again . But then he started to go down and I followed through the storm . Suddenly I came out of the clouds and saw two long straight lines of lights in front of me . It was a runway ! An airport ! I was safe ! I turned to look for my friend in the black aeroplane , but the sky was empty . There was nothing there . The black aeroplane was gone . I could not see it anywhere . मुझे फिर डर लगने लगा था । परन्तु तब उसने नीचे जाना आरम्भ किया तथा मैं आंधी में से उसके पीछे गया । अचानक मैं बदलों से बाहर आया तथा मैंने अपने आगे प्रकाश की दो लम्बी कतारें देखी । यह उड़ान पट्टी थी । एक हवाई अड्डा । मैं सुरक्षित था । मैं काले बादलों में अपने मित्र को ढूंढने के लिए मुड़ा पर आकाश खाली था । काला हवाई जहाज जा चुका था । मुझे वह कहीं दिखाई नहीं दिया ।
I landed and was not sorry to walk away from the old Dakota near the control tower . I went and asked a woman in the control centre where I was and who the other pilot was . I wanted to say ' Thank you ' . She looked at me very strangely , and then laughed . " Another aeroplane ? Up there in this storm ? No other aeroplanes were flying tonight .मैं नीचे उतरा तथा नियंत्रण कक्ष के पास पुराने डाकोटा से बाहर चलने का मुझे अफसोस नहीं था । मैं नियंत्रण केन्द्र गया तथा मैंने एक स्त्री से पूँछा कि मैं कहाँ था तथा दूसरा यान चालक कौन था । मैं उसे धन्यवाद करना चाहता था । उसने विचित्रता से मेरी ओर देखा तथा तब वह हंस दी । दूसरा वायुयान ? इस आंधी में ऊपर ? आज रात कोई दूसरा वायुयान नहीं उड़ रहा था ।
Yours was the only one I could see on the radar . " So who helped me to arrive there safely without a compass or a radio , and without any more fuel in my tanks ? Who was the pilot on the strange black aeroplane , flying in the storm , without lights ? ? केवल आपकी ही रडार पर दिख सकी । ' इसलिए किसने मेरे बिना सूचक यंत्र या रेडियो तथा टैंक में और अधिक ईंधन न होते हुए सुरक्षित आने में सहायता की थी । उस काले अजनबी वायुयान में चालक कौन था । जो तूफान मे बिना प्रकाश के उड़ा रहा था।
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