About the Author
Liam O'Flaherty ( 28 August 1896 – 7 September 1984) was an Irish novelist and short-story writer, and one of the foremost socialist writers in the first part of the 20th century, He wrote about the common people's experience and from their perspective. beside this Liam O'Flaherty served on the Western Front as a soldier in the Irish Guards from 1916 and was badly injured in 1917. O'Flaherty wrote almost exclusively in English, except for a play, a notable collection of short stories and some poems in the Irish language.learn more
About the Lesson
This story is based on a young seagull who was feared to take his first flight as he believes that his wings wouldn't support him while flying ... One fine day , the whole family flew to a big plateau and taunted the young seagull for his cowardice
TWO STORIES ABOUT FLYING -By Liam O' Flaherty
The young seagull was alone on his ledge . His two brothers and his sister had already flown away the day before . He had been afraid to fly with them . Somehow when he had taken a little run forward to the brink of the ledge and attempted to flap his wings he became afraid . The great expanse of sea stretched down beneath , and it was such a long way down - miles down . He felt certain that his wings would never support him ; so he bent his head and ran away back to the little hole under the ledge where he slept at night . छोटा समुद्री कॉक अपने किनारे के टूटी हुई चट्टान पर अकेला था । उसके दो भाई और बहन एक दिन पहले ही उड़कर जा चुके थे । वह उनके साथ उड़ने से डरा करता था । किसी प्रकार जब उसने चट्टान के किनारे पर दौड़ लगाई और पंख फड़फड़ाने का प्रयत्न किया , तो वह डर गया । नीचे समुद्र का बड़ा फैलाव था , तथा नीचे की ओर इतना लम्बा रास्ता था , मीलों नीचे । उसे निश्चित रूप से लगा कि उसके पंख उसकी सहायता नहीं करेंगे । इसलिए उसने अपना सिर झुकाया और दौड़कर चट्टान के नीचे वह अपने सुराख में चला गया , जहाँ वह रात को सोया
Even when each of his brothers and his little sister , whose wings were far shorter than his own , ran to the brink , flapped their wings , and flew away , he failed to muster up courage to take that plunge which appeared to him so desperate . His father and mother had come around calling to him shrilly , upbraiding him , threatening to let him starve on his ledge unless he flew away . But for the life of him he could not move .। यहाँ तक कि उसके भाइयों और छोटी बहन के पंख उसके पंखों से छोटे थे , भागकर किनारे तक गए , उन्होंने पंख फड़फड़ाए तथा उड़ गये थे , लेकिन वह डुबकी लगाने का साहस नहीं जुटा सका जोकि उसे इतना निराशाजनक प्रतीत हो रहा था । उसके माता - पिता तेज आवाज में चहचहाते हुए उसे डाँटते हुए आये थे , उन्होंने उसे जब तक वह नहीं उड़ेगा तक भूखा रखने की धमकी दी । लेकिन जीवन के लिए वह हिल नहीं सका ।
That was twenty - four hours ago . Since then nobody had come near him . The day before , all day long , he had watched his parents flying about with his brothers and sister , perfecting them in the art of flight , teaching them how to skim the waves and how to dive for fish . He had , in fact , seen his older brother catch his first herring and devour it standing on a rock , while his parents circled around raising a proud cackle . And all the morning the whole family had walked about on the big plateau midway down the opposite cliff taunting him with his cowardice .
ऐसा चौबीस घण्टे पहले हुआ था । तब से कोई उसके पास नहीं आया । एक दिन पहले , पूरे दिन भर उसने अपने माता - पिता और अपने भाइयों व बहन के साथ उड़ते हुए देखा था , वे उन्हें उड़ने की कला में निपुणता प्राप्त करने , लहरों पर तैरने तथा मछली पकड़ने के लिए डुबकी लगाने की शिक्षा दे रहे थे । वास्तव में , उसने अपने बड़े भाई को उसकी प्रथम हैरिंग मछली पकड़ने और उसे निगलते हुए देखा था , वह एक चट्टान पर खड़ा था , जबकि उसके माता - पिता गर्व से कूकते हुए चारों ओर चक्कर लगा रहे थे । और सारी सुबह उसका पूरा परिवार उसकी कायरता की हँसी उड़ाते हुए सामने वाली चट्टान के बीच में चल रहा था ।
The sun was now ascending the sky , blazing on his ledge that faced the south . He felt the heat because he had not eaten since the previous nightfall . He stepped slowly out to the brink of the ledge , and standing on one leg with the other leg hidden under his wing , he closed one eye , then the other , and pretended to be falling asleep .अब सूर्य आकाश में ऊपर चढ़ रहा था , उसकी चट्टान जिसका मुँह दक्षिण की ओर था , पर चमक रहा था। उसने गर्मी महसूस किया क्योंकि उसने पहली रात से कुछ नहीं खाया था । वह धीरे से चट्टान के किनारे पर गया और एक टाँग को पंखों के नीचे छुपाकर एवं दूसरी , टाँग पर खड़े होकर उसने अपनी एक आँख मूंद ली , और फिर दूसरी , और उसने सोने का बहाना किया
Still they took no notice of him . He saw his two brothers and his sister lying on the plateau dozing with their heads sunk into their necks . His father was preening the feathers on his white back . Only his mother was looking at him . She was standing on a little high hump on the plateau , her white breast thrust forward . Now and again , she tore at a piece of fish that lay at her feet and then scrapped each side of her beak on the rock . The sight of the food maddened him . How he loved to tear food that way , scrapping his beak now and again to whet it . फिर भी उन्होने उस पर ध्यान नहीं दिया । उसने अपने भाईयों तथा बहन को अपनी गर्दनों में सिर छुपाकर पठार पर उड़ते हुए देखा था । उसका पिता अपनी सफेद पीठ पर अपने पंखों को साफ कर रहा था । केवल उसकी माँ उसकी ओर देख रही थी । वह एक पठार पर ऊँची जमीन पर खड़ी थी तथा उसकी सफेद छाती आगे की ओर निकली हुई थी । कभी - कभी वह अपने पैरों में पड़ी मछली को काट रही थी तथा फिर अपनी चोंच को दोनों ओर से चट्टान पर रगड़ कर साफ कर रही थी । भोजन के दृश्य ने उसे पागल बना दिया था । किस प्रकार वह भोजन फाड़ना पसंद करता था , चोंच को इस प्रकार रगड़कर तेज करना ।
" Ga , ga , ga , " he cried begging her to bring him some food . " Gaw - col - ah , " she screamed back derisively But he kept calling plaintively , and after a minute or so he uttered a joyful scream . His mother had picked up a piece of the fish and was flying across to him with it . He leaned out eagerly , tapping the rock with his feet , trying to get nearer to her as she flew across . But when she was just opposite to him , she halted , her wings motionless , the piece of fish in her beak almost within reach of his beak . He waited a moment in surprise , wondering why she did not come nearer , and then , maddened by hunger , he dived at the fish . With a loud scream he fell outwards and downwards into space . " गा , गा , गा , " उसने कुछ भोजन अपने लिए लाने की अपनी माँ से प्रार्थना की । " ग्वा कोल - आह ' व्यंग करते हुए वह उत्तर चिल्लायी पर वह दुख से पुकारता रहा , तथा एक या दो मिनट के पश्चात् वह खुशी से चीखा । उसकी माँ ने मछली एक टुकड़ा उठाया और वह उसकी ओर उड़ी । वह उत्सुकता से आगे झुका और अपने पैरों से चट्टान को पीटा , जैसे ही वह उड़ रही थी , उसके अधिक समीप जाने का प्रयत्न किया । परन्तु जब वह उसके बिल्कुल सामने थी , वह रुक गई , उसके पंख गतिहीन थे , उसकी चोंच में मछली का टुकड़ा लगभग बच्चे की पहुंच में था । हैरान होते हुए उसने एक क्षण प्रतीक्षा की कि वह उसके और समीप क्यों नहीं आ रही थी , तब भूख से पागल होकर उसने मछली पर डुबकी लगाई । ऊँची चीख के साथ वह आगे बढ़ा और अन्तरिक्ष में नीचे की ओर गिरा ।
Then a monstrous terror seized him and his heart stood still . He could hear nothing . But it only lasted a minute . The next moment he felt his wings spread outwards . The wind rushed against his breast feathers , then under his stomach , and against his wings . He could feel the tips of his wings cutting through the air . He was not falling headlong VIR now .
तब एक राक्षसी भय उसमें व्याप्त हो गया और उसका दिल स्थिर हो गया । उसे कुछ भी सुनाई नहीं दिया । लेकिन यह एक मिनट में समाप्त हो गया । अगले ही क्षण उसने अपने पंखों को फैले हुए महसूस किया । हवा उसकी छाती के महीन बालों से टकराई , तब उसके पेट के नीचे और पंखों के नीचे हवा महसूस की । उसने अपने पंखों के किनारों पर हवा कटती हुए महसूस की । अब वह सिर के बल नहीं गिर रहा था ।
He was soaring gradually downwards and outwards . He was no longer afraid . He just felt a bit dizzy . Then he flapped his wings once and he soared upwards . " Ga , ga , ga , Ga , ga , ga , Gaw - col ah , " his mother swooped past him , her wings making a loud noise . He answered her with another scream . Then his father flew over him screaming . He saw his two brothers and his sister flying around him curveting and banking and soaring and diving . Then he completely forgot that he had not always been able to fly , and commended himself to dive and soar and curve , shrieking shrilly He was near the sea now , flying straight over it , facing straight out over the ocean . He saw a vast green sea beneath him , with little ridges moving over it and he turned his beak sideways and cawed amusedly . वह धीरे - धीरे नीचे की ओर तथा बाहर की ओर उड़ रहा था । वह अब भयभीत नहीं था । उसका सिर चकराने लगा था । फिर उसने एक बार पंख फड़फड़ाए तथा वह ऊपर की ओर बढ़ गया । ' गा - गा - गा , ग्वा कोल आह , उसकी माँ अपने पंखों से तेज शोर करते हुए गुजरी । उसने माँ को फिर चीखकर उत्तर दिया तब वह पूर्णतया भूल गया कि वह सदैव उड़ नहीं सकता था तथा वह तेज चीखता हुए आगे की ओर उछलकर ऊपर चढ़ने व डुबकी लगाने लगा । अब वह समुद्र के पास था , ठीक उसके ऊपर से वह उड़ रहा था । उसने विशाल हरा समुद्र अपने नीचे देखा तथा छोटे - छोटे टीले उस पर तैर रहे थे और उसने अपनी चोंच को दोनों ओर घुमाया तथा प्रसन्न होकर काय - काय करने लगा ।
His parents and his brothers and sister had landed on this green flooring ahead of him . They were beckoning to him , calling shrilly . He dropped his legs to stand on the green sea . His legs sank into it . He screamed with fright and attempted to rise again flapping his wings . But he was tired and weak with hunger and he could not rise , exhausted by the strange exercise .।उसके माता - पिता , उसके भाई और बहन इस हरे फर्श पर उसके आगे बैठे थे और वह ऊपर नहीं उठ सका । वे उसे चीखते हुए बुला रहे थे । उसने डर से चीखते हुए तथा पंखों को फड़फड़ाते हुए फिर उसने हरे समुद्र पर उठने का प्रयत्न किया । उसके पंख इसमें डूब गये । वह भय से चिल्लाया ( चीख मारी ) और अपने पंखों को फड़फड़ाते हुए फिर से ऊपर उठने का प्रयत्न किया । किन्तु वह थका हुआ था तथा भूख से कमजोर था तथा विचित्र अभ्यास से थक कर चूर था
His feet sank into the green sea , and then his belly touched it and he sank no farther . He was floating on it , and around him his family was screaming , praising him and their beaks were offering him scraps of dog - fish . He had made his first flight . उसके पाँव हरे समुद्र में डूब गए थे फिर उसके पेट ने उसे स्पर्श किया तथा वह इससे अधिक नहीं डूबा । वह उस पर तैर रहा था तथा उसके चारों ओर उसका परिवार चीख रहा था , उसकी प्रशंसा कर रहा था तथा उनकी चोंच डॉग मछली के टुकड़े उसे भेट कर रहे थे । उसने अपनी पहली उड़ान भर ली थी ।
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