THE HAPPY PRINCE -BY OSCAR WILDE
The above the city , on a tall column , stood the statue of the Happy Prince . He was gilded all over with thin leaves of fine gold , for eyes he had two bright sapphires , and a large red ruby glowed on his sword hilt . One night there flew over the city a little swallow . His friends had gone away to Egypt six weeks before , but he had stayed behind ; then he decided to go to Egypt too . All day long he flew , and at night time he arrived at the city .
" Where shall I put up ? " he said . “ I hope the town has made preparations . " Then he saw the statue on the tall column . " I will put up there , " he cried . " It is a fine position with plenty of fresh air . " So he alighted just between the feet of the Happy Prince .
प्रसन्न राजकुमार का बुत शहर के एक ऊँचे स्तम्भ पर स्थित था । उसका सम्पूर्ण शरीर सुन्दर सोने की परतों से ढका हुआ था । उसकी दोनों आँखें चमकीले नीलम की बनी हुई थी और एक बहुत बड़ी मरकत मणि उसकी तलवार की मूठ पर लगी चमक रही थी । एक रात को उस शहर के ऊपर से छोटा नर अबाबील उड़ता हुआ आया । छह सप्ताह पहले उसके मित्र मिस्र चले गये थे परन्तु वह पीछे ठहर गया था । फिर उसने भी मिस्र जाने का निर्णय कर लिया । वह सारे दिन उड़ता रहा और रात होने पर शहर में पहुंचा । " मैं कहाँ ठहरूँगा ? ” उसने कहा । “ मुझे लगता है कि शहर में तैयारियाँ की गयी है । ' फिर उसने एक बड़े स्तम्भ पर स्थित बुत को देखा । " मैं वहाँ ठहरूँगा , ” वह चीखा । “ वह एक अच्छा स्थान है जहाँ काफी स्वच्छ वायु है । ” इसलिए वह प्रसन्न राजकुमार के पैरों के बीच उतर गया ।
" I have a golden bed - room , " he said softly to himself as he looked round , and he prepared to go to sleep ; but just as he was putting his head under his wing , a large drop of water fell on him . " What a curious thing ! ” he cried . “ There is not a single cloud in the sky , the stars are quite clear and bright , and yet it is raining . " Then another drop fell . " What is the use of a statue if it cannot keep the rain off ? " he said . " I must look for a good chimney pot , " and he determined to fly away . But before he had opened his wings , a third drop fell , and he looked up , and saw - Ah ! What did he see ? The eyes of the Happy Prince were filled with tears , and tears were running down his golden cheeks . His face was so beautiful in the moonlight that the little swallow was filled with pity . " Who are you ? " he said . " I am the Happy Prince . " " Why are you weeping then ? " asked the swallow . " You have quite drenched me . "
मेरा बिस्तर स्वर्ण का है , ” उसने चारों ओर दृष्टि घुमाते हुए आहिस्ता से मन में सोचा और वह सोने के लिए तैयार हो गया ; परन्तु ज्यों ही वह अपना सिर अपने पंखों के नीचे रखने लगा
आकाश में एक भी बादल नहीं है , तारे चमक रहे हैं और फिर भी वर्षा हो रही है । कि पानी की एक मोटी - सी बूंद उसके ऊपर आ गिरी । क्या ही आश्चर्य की बात है ! ' ' वह चिल्लाया । फिर एक और बूंद गिरी । “ ऐसे बुत का क्या लाभ यदि वह वर्षा को भी नहीं रोक सके ? " वह बोला । “ मुझे किसी सुन्दर चिमनी की खोज करनी पड़ेगी , " और उसने उड़ने का दृढ़ संकल्प किया । परन्तु इससे पहले कि वह उड़ने के लिए अपने पंख खोलता , तीसरी बूंद उसके ऊपर आ गिरी और उसने ऊपर नज़र उठाई और देखा - अरे ! उसने क्या देखा ? प्रसन्न राजकुमार की आँखें आँसुओं से भरी थीं और आँसू उसके सुनहरे गालों पर बह रहे थे । चन्द्रमा की चाँदनी में उसका चेहरा इतना सुन्दर लग रहा था कि छोटा अबाबील दया से भर गया । “ तुम कौन हो ? ” उसने पूछा । “ मैं प्रसन्न राजकुमार हूँ । " " फिर तुम रो क्यों रहे हो ? ” अबाबील ने पूछा । “ तुमने तो मुझे पूरी तरह भिगो दिया । "
फिर तुम रो क्यों रहे हो ? " अबाबील ने पूछ । “ तुमने तो मुझे पूरा भिगो दिया । "
" When I was alive and had a human heart , " answered the statue , " I did not know what tears were , for I lived in the Palace , where sorrow is not allowed to enter . My courtiers called me the Happy Prince , and happy indeed I was . So I lived , and so I died . And now that I am dead they have set me up here so high that I can see the ugliness and all the misery of my city , and though my heart is made of lead yet I cannot choose but weep . " ' What ! Is he not solid gold ? ' said the swallow to himself . He was too polite to make any personal remarks .
जब मैं जीवित था और मेरे अन्दर मानव हृदय था , " बुत ने उत्तर दिया , “ मुझे पता भी नहीं था कि आँसू क्या होते हैं क्योंकि मैं महल में रहता था जहाँ पर दुःख नाम की वस्तु को प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी । मेरे दरबारी मुझे प्रसन्न राजकुमार कहा करते थे , और वास्तव में मैं प्रसन्न था । मैं प्रसन्नता में जीवित रहा और प्रसन्नता में ही मर गया । और अब , जबकि मैं मर चुका हूँ , उन्होंने मुझे यहाँ इतने ऊँचे स्थान पर स्थापित कर दिया है ताकि मैं अपने शहर की कुरूपता और दुःख को देख सकूँ और यद्यपि मेरा हृदय सीसे का बना हुआ है फिर भी रोने के अतिरिक्त मेरे पास अन्य कोई चारा नहीं है । " " क्या ! क्या वह ठोस सोने का नहीं है ? ' अबाबील ने मन में सोचा । वह इतना नम्र था कि कोई व्यक्तिगत टीका - टिप्पणी नहीं कर सकता था ।
Far away , " continued the statue in a low musical voice , " far away in a little street there is a poor house . One of the windows is open , and through it I can see a woman seated at a table . Her face is thin and worn , and she has coarse , red hands , all pricked by the needle , for she is a seamstress . She is embroidering flowers on a satin gown for the loveliest of the Queen's maids of honour , to wear at the next Court ball . In a bed in the corner of the room her little boy is lying ill . He has a fever , and is asking his mother to give him oranges . His mother has nothing to give him but river water , so he is crying . Swallow , Swallow , little Swallow , will you not bring her the ruby out of my sword hilt ? My feet are fastened to this pedestal and I cannot move . "
सुदूर " , मूर्ति ने संगीतमय आवाज में कहना जारी रखा , " दूर एक छोटी गली में एक गरीब का घर है । खिड़कियों में से एक खिड़की खुली है , उसमें से मैं एक महिला को मेज पर बैठे देख सकता हूँ । उसका चेहरा पतला और थका हुआ है तथा उसके हाथ भद्दे व लाल हैं , वे सुइयो से बिधे हुए है क्योंकि वह दर्जिन है । वह एक साटन से बने गाउन पर फूल काढ़ रही है जो रानी की परिचारिका का है , जिसे वह अगले शाही नृत्य पर पहनेगी । कमरे के एक कोने में उसका छोटा - सा बेटा बीमार पड़ा है । उसे ज्वर ( बुखार ) है और वह अपनी माँ से सतरे मांग रहा है । माँ के पास नदी का जल देने के अलावा कुछ भी नहीं है इसलिए बच्चा रो रहा है । अबाबील , अबाबील क्या तुम उसके पास मेरी तलवार की मूठ से निकालकर नीलमणि नहीं पहुंचा दोगे ? मेरे पंजे तो इस स्तंभ से बँधे हैं और मैं हिल भी नहीं सकता । "
" I am waited for in Egypt , " said the swallow . " My friends are flying up and down the Nile , and talking to the large lotus flowers . Soon they will go to sleep . " The Prince asked the swallow to stay with him for one night and be his messenger . " The boy is so thirsty , and the mother so sad , " he said . " I don't think I like boys , " answered the swallow . " I want to go to Egypt . " But the Happy Prince looked so sad that the little swallow was sorry . " It is very cold here , " he said . But he agreed to stay with him for one night and be his messenger . " Thank you , little Swallow , " said the Prince . The swallow picked out the great ruby from the Prince's sword , and flew away with it in his beak over the roofs of the town . He passed by the cathedral tower , where the white marble angels were sculptured . He passed by the palace and heard the sound of dancing . A beautiful girl came out on the balcony with her lover . " I hope my dress will be ready in time for the State ball , " she said . “ I have ordered flowers to be embroidered on it , but the seamstresses are so lazy . "
अबालील बोला , “ मिस्र में मेरी प्रतीक्षा की जा रही है । " मेरे मित्र नील नदी के ऊपर - नीचे उड़ रहे हैं तथा विशाल कमल के फूलों से बातें कर रहे हैं । शीघ्र ही वे सोने चले जाएंगे । " राजकुमार ने पक्षी से कहा कि एक रात ठहर जाओ तथा मेरे संदेशवाहक बन जाओ । “ बालक बहुत प्यासा है और उसकी माँ कितनी उदास है " , वह बोला । “ मुझे बच्चे पसंद नहीं हैं " , अबाबील बोला । " मैं तो मिस्र जाना चाहता हूँ । " परंतु हैप्पी प्रिंस इतना उदास दिखाई दिया कि छोटा अबाबील भी उदास हो गया । “ यहाँ तो बहुत ठंड है " , वह बोला । परंतु वह राजकुमार के पास एक रात रुकने को सहमत हो गया तथा उसका संदेशवाहक बन गया । " धन्यवाद , छोटे अबाबील " , राजकुमार बोला । अबाबील ने राजकुमार की तलवार से विशाल लालमणि निकाली तथा उसे चोंच में दबाकर नगर की छतों के ऊपर लेकर उड़ गया । वह गिरजाघर की मीनार के पास से गुजरा जिस पर सफेद संगमरमर पर दूत खुदे हुए थे । वह महल के पास से गुजरा तथा उसने नृत्य का शोर सुना । एक सुंदर लड़की अपने प्रेमी के साथ एक छज्जे पर आई । “ मुझे आशा है कि मेरी पोशाक शाही , नृत्य समारोह पर पहनने के लिए समय पर तैयार हो जाएगी " , वह बोली । “ मैंने उस पर फूल काढ़ने को कह रखा था , परंतु दर्जिनें बहुत आलसी होती हैं ।
" He passed over the river , and saw the lanterns hanging on the masts of the ships . At
last he came to the poor woman's house and looked in. The boy was tossing feverishly on his bed, and the mother had fallen asleep, she was so tired. In he hopped, and laid the great ruby on the table beside the woman's thimble. Then he flew gently round the bed, fanning the boy's forehead with his wings. "How cool I feel!" said the boy, "I must be getting better;" and he sank into a delicious slumber.
वह नदी के ऊपर से उड़ा तथा जलपोतों के मस्तूलों पर टंगी हुई लालटेने देखी । अंत में वह गरीब महिला के घर पर पहुंचा तथा उसने नीचे देखा । बालक अपने बिस्तर पर बेचैनी से करवटे बदल रहा था और उसकी माँ सोई हुई थी वह बहुत अधिक थकी हुई थी । वह अंदर फुदक - फुदककर चला गया । औरत की अंगुली में पहने जाने वाले कवच के बगल में मेज पर विशाल लालमणि रख दी । फिर वह हल्के से पलंग के ऊपर उड़ा तथा अपने पंखों से बालक के मस्तक पर हवा की । “ अब कितनी ठंडक महसूस करता हूँ " बालक बोला , “ लगता है मैं ठीक हो रहा हूँ " तथा वह सुखद निंद्रा में डूब गया ।
Then the swallow flew back to the Happy Prince, and told him what he had done. "It is curious," he remarked, "but I feel quite warm now, although it is so cold." t"That is because you have done a good action," said the Prince. And the little swallow began to think, and then fell asleep. Thinking always made him sleepy. om T When day broke he flew down to the river and had a bath. "TonightIgo to Egypt," said the swallow, and he was in high spirits at the prospect. He visited all the monuments and sat a long time on top of the church steeple.
तब अबाबील हैप्पी प्रिंस के पास उड़कर वापस गया तथा उसे बताया कि उसने क्या काम किया था । " " यह विचित्र बात है " , उसने टिप्पणी की , परंतु मैं अब गरमाहट महसूस कर रहा हूँ यद्यपि खूब सर्दी है । " " इसका कारण यह है कि तुमने एक अच्छा कार्य किया है " , राजकुमार ने कहा । तथा नन्हा पक्षी सोच में पड़ गया तथा फिर सो गया , सोच - विचार करने पर उसे हमेशा निद्रा आ जाती थी । जब दिन निकला वह उड़कर नदी पर गया तथा उसमें नहाया । " आज की रात मैं मिस्र जाऊँगा " , अबाबील ने कहा तथा इन उच्च भावनाओं से वह उल्लसित हो गया । वह सभी स्मारकों में घूमा तथा ढालदार गिरजाघर की छत पर बनी मीनार पर भी लंबे समय तक बैठा रहा ।
When the moon rose he flew back to the Happy Prince . " Have you any commissions for Egypt ? " he cried . " I am just starting . ""Swallow, Swallow, little Swallow," said the Prince "will you stay with me one ugt h longer?" "Iam waited for in Egypt," answered the swallow. "Swallow, Swallow, little Swallow," said the Prince, "far away across the city 1 See a young man in a garret. He is leaning over a desk covered with papers, and in the glass by his side there is a bunch of withered violets. His hair is brown and crisp, and his lips are red as a pomegranate, and he has large and dreamy eyes. wol He is trying to finish a play for the Director of the Theater, but he is too cold to write any more.
जब चाँद निकला , वह उड़कर हैप्पी प्रिंस के पास पहुंचा । “ क्या आप मेरे माध्यम से मिस्र में कोई काम करवाना चाहते हैं ? " वह चिल्लाया “ मैं यहाँ से प्रस्थान करने वाला हूँ । " " अबाबील , अबाबील , शिशु अबाबील " , राजकुमार ने कहा , “ तुम यहाँ एक और रात ठहरना चाहोगे ? " " मिस्र में मेरी प्रतीक्षा की जा रही है " , अबाबील ने उत्तर दिया । “ अबाबील , अबाबील , शिशु अबाबील " , राजकुमार बोला , “ नगर के सुदूर किनारे पर मुझे एक युवक अटारी में बैठा दिखाई दे रहा है । वह कागजों से ढकी मेज पर झुका हुआ है तथा बगल में रखे गिलास में मुरझाए फूलों का गुच्छा रखा है । उसके बाल भूरे तथा जकड़े हुए हैं तथा उसके होठ अनार की तरह लाल है तथा उनकी आँखें बड़ी तथा स्वप्निल हैं । वह एक थियेटर के एक निर्देशक के लिए एक नाटक का समापन करने में जुटा है , परंतु वह इतना ठंडा हो रहा है कि वह आगे लिखने में समर्थ नहीं ।
There is no fire in the grate, and hunger has made him faint." E "I will wait with you one night longer," said the swallow, who really had a good heart. af Heasked if he should take another ruby to the young playwright. "Alas! I have no ruby now," said the Prince. “My eyes are all that I have left. They are made of rare sapphires, which were brought out of India a tnousand years ago." He stdrordered the swallow to pluck out one of them and take it to the playwright. "He will sell it to the jeweller, and buy firewood, and finish his play," he said.
उसकी अँगीठी में कोई आग नहीं है तथा भूख ने उसे मूच्छित बना दिया है । " " मैं तुम्हारे साथ एक रात और इंतजार करूँगा " , पक्षी जिसका दिल नेक था बोला । उसने पूछा क्या मैं उस युवा नाटककार के लिए एक लालमणि ले आऊँ । " अफसोस ! अब मेरे पास दूसरी लालमणि नहीं है " , राजकुमार बोला । “ मेरे पास अब मेरी आँखें बची हैं । ये दुर्लभ नीलमणि से बनी हुई हैं जिसे सहस्र वर्ष पूर्व भारत से लाया गया था । उसने अबाबील को आदेश दिया कि उसकी एक आँख निकाल दो तथा नाटककार को दे दो । “ वह इसे किसी जौहरी को बेच देगा तथा अपने लिए ईंधन खरीद लेगा और अपना नाटक पूरा कर लेगा " , वह बोला ।
" Dear Prince , " said the swallow , " I cannot do that , " and he began to weep . " Swallow , Swallow , little Swallow , " said the Prince , " do as I command you . " So the swallow plucked out the Prince's eye , and flew away to the young man's garret . It was easy enough to get in , as there was a hole in the roof . Through this he darted , and came into the room . The young man had his head buried in his hands , so he did not hear the flutter of the bird's wings , and when he looked up he found the beautiful -sapphire lying on the withered violets . Clam beginning to be appreciated , " he cried . " This is from some great admirer . Now I can finish my play , " and he looked quite happy “
प्रिय राजकुमार " , अबालील बोला , " मैं यह काम नहीं कर सकता " , और वह रोने लगा । “ अबाबील , अबाबील , शिशु अबाबील " , राजकुमार ने कहा , " वैसा करो जो मैं आदेश देता इस प्रकार अबाबील ने राजकुमार की आँख से नीलमणि निकाल ली तथा विद्यार्थी की अटारी की ओर उड़ गया । वहाँ पहुँचना बहुत आसान था , क्योकि छत पर एक छेद था । इस छेद से वह अंदर घुस गया तथा कमरे में आ गया । नौजवान व्यक्ति अपना सिर हथेलियों में रखे हुए था , इस कारण उसे पक्षी के पंखों की फड़फड़ाहट सुनाई नहीं दी , तथा जब उसने देखा तो मुरझाए फूलो पर उसे सुंदर नीलमणि रखी दिखाई दी । " मैं प्रशंसित होते हुए दिखता हूँ " , वह चीखा । “ यह नीलमणि भी किसी प्रशंसक ने दिया होगा । अब मैं अपना नाटक पूरा कर सकता हूँ । " तथा वह पर्याप्त खुश दिखाई दिया ।
The next day the swallow flew down to the harbour. He sat on the mast of a large vessel and watched the sailors working. "I am going to Egypt," cried the swallow, but nobody minded, and when the moon rose he flew back to the Happy Prince. "I have come to bid you goodbye," he cried. "Swallow, Swallow, little Swallow," said the Prince, "will you not stay with me one night longer?" "It is winter," answered the swallow, "and the snow will soon be here. In Egypt the sun bal is warm on the green palm trees, and the crocodiles lie in the mud and look lazily about them." "In the square below," said the Happy Prince, "there stands a little matchgirl.
अगले दिन अबाबील बंदरगाह की ओर उड़ चला । वह एक विशाल जलपोत के मस्तूल के शीर्ष पर बैठ गया तथा नाविकों को काम करते हुए देखता रहा । मैं मिल जा रहा हूँ , " अबाबील चीखा , परंतु किसी ने ध्यान नहीं दिया और चंद्रोदय हुआ तो वह हैप्पी प्रिंस के पास वापस पहुंच गया । " मैं अब तुमसे अलविदा कहने आया हूँ " , वह चीखा । " अबाबील , अबाबील , शिशु अबाबील " , राजकुमार बोला , " क्या तुम मेरे पास एक और रात नहीं ठहरोगे ? " “ जाड़ा है " , अबाबील ने जवाब दिया , " तथा शीघ्र ही हिम गिरना आरंभ हो जाएगा । मिस्त्र में ताड़ के वृक्षों में सौर ताप है तथा मगरमच्छ वहाँ कीचड़ में पड़े रहते हैं तथा आल्स्यपूर्ण दिखते रहते हैं । " " नीचे चौकोर मैदान में " , हैप्पी प्रिंस ने कहा , " वहाँ एक माचिस विक्रेता लड़की खड़ी है ।
She has let her matches fall in the gutter, and they are all spoiled. Her father will beat her if she does not bring home some money, and she is crying. She has no shoes or stockings, and yel her little head is bare. Pluck out my other eye, and give it to her, and her father will not beat her." "I will stay with you one night longer," said the swallow, "but I cannot pluck out your You would be quite blind then." eye. "Swallow, Swallow, little Swallow," said the Prince, "do as I command you." So he plucked out the Prince's other eye, and darted down with it. He swooped past the matchgirl, and slipped the jewel into the palm of her hand. "What a lovely bit of glass!" cried the little girl; and she ran home, laughing.
उसने अपनी माचिसे गटर ( परनाले ) में गिरा दी है तथा सभी माचिसे नष्ट हो गयी हैं । उसके पिताजी उसकी पिटाई करेंगे यदि वह कुछ पैसों के बिना ही घर वापस जाती है , तथा वह रो रही है । उसने न तो जुराबें पहन रखी हैं , न ही जूते तथा उसके नन्हे से सिर पर कुछ नहीं ( नंगा ) है । मेरी दूसरी आँख निकाल लो तथा उस लड़की को दे दो , तब उसका पिता उसे नहीं पीटेगा । " " मैं तुम्हारे साथ एक रात और ठहरूँगा । " अबाबील बोला , “ परंतु मैं तुम्हारी आँख नहीं निकाल सकता हूँ तब तुम पूरे अंधे हो जाओगे । " " अबाबील , अबाबील , शिशु अबाबील , राजकुमार बोला , " वही करो जो मैं आदेश देता हूँ । " इस प्रकार उसने ( पक्षी ) ने राजकुमार की दूसरी आँख भी निकाल ली तथा उसे लेकर उड़ चला , तब वह माचिस वाली ( लड़की ) के पास से होकर गुजरा तथा उसकी हथेली पर वह नीलमणि रख दी । " कितना आकर्षक है यह शीशा ! " छोटी - सी लड़की बोली , और वह हँसती हुई घर की ओर दौड़ चली ।
Then the swallow came back to the Prince . " You are blind now , " he said , " so I will stay with you always . " " No , little Swallow , " said the poor Prince , " you must go away to Egypt . " " No , I will stay with you always , " said the swallow , and he slept at the Prince's feet . All the next day he sat on the Prince's shoulder , and told him stories of what he had seen in strange lands . "
" Dear little Swallow , " said the Prince , " you tell me of marvellous things , but more marvellous than anything is the suffering of men and women . There is no Mystery so hgreat as Misery . Fly over my city , little Swallow , and tell me what you see there . " तब अबाबील राजकुमार के पास वापस गया । “ अब तुम अंधे हो गए हो " , वह बोला , “ इसलिए मैं अब हमेशा ही तुम्हारे पास रहूँगा । " “ नहीं , नन्हें अबाबील " , बेचारा राजकुमार बोला , “ तुम्हें अब मिस्र जाना चाहिए । " “ नहीं , मैं हमेशा तुम्हारे पास बना रहूँगा ” अबाबील बोला , और राजकुमार के पैरों में सो गया । दूसरे दिन पूरे समय वह राजकुमार के कंधों पर बैठ रहा तथा विचित्र स्थलो , के बारे में उसे कहानियाँ सुनाता रहा ।
प्रिय नन्हें अबाबील " , राजकुमार बोला , “ तुम मुझे शानदार चीजें बताते रहे हो , परंतु दूसरी चीजों से अधिक विचित्र वस्तु है नर - नारियों के कष्टा गरीबी से अधिक बड़ा कोई रहस्य नहीं होता । मेरे नगर के ऊपर उड़ो , नन्हें अबाबील तथा मुझे बताओ , वहाँ क्या दिखाई देता है । "
So the swallow flew over the great city , and saw the rich making merry in their beautiful houses , while the beggars were sitting at the gates . He flew into dark lanes , and saw the white faces of starving children looking out listlessly at the black streets . Under the archway of a bridge two little boys were lying in each other's arms to try and keep themselves warm . " How hungry we are ! " they said . " You must not lie here , " fushouted the watchman , and they wandered out into the rain . Then he flew back and told the Prince what he had seen . " I am covered with fine gold , " said the Prince . " You must take it off , leaf by leaf , and give it to the poor ; the living always think that gold can make them happy . " Leaf after leaf of the fine gold the swallow picked off , till the Happy Prince looked quite dull and grey . Leaf after leaf of the fine gold he brought to the poor and the children's faces grew rosier , and they laughed and played in the street . " We have bread now ! " they cried .
इसलिए पक्षी उस विशाल नगर के ऊपर उड़ा , तथा उसने अमीर लोगों को अपने सुंदर घरों में मौज - मस्ती करते देखा जब कि भिखारी दरवाजों पर बैठे हुए थे । वह अँधेरी गलियों में उड़कर गया तथा उसने भूखे मर रहे बच्चों के श्वेत चेहरे को देखा जो चुपचाप शिथिल भाव से अँधेरी गलियों को देख रहे थे । पुल के अर्धवृत्ताकार मेहराब के नीचे दो छोटे बच्चे एक - दूसरे की बाँहों में लिपटे पड़े थे ताकि गरमाहट अनुभव कर सकें । “ हमें बहुत भूख लगी है , उन्होंने कहा । “ तुम्हें यहाँ नहीं लेटना चाहिए " , पहरेदार चिल्लाया , और वे बालक वर्षा में बाहर निकल गए । तब वह ( पक्षी ) वापस लौटा तथा राजकुमार को सब कुछ बताया जो उसने देखा था । “ मैं सुंदर सोने से ढका हुआ हूँ " , राजकुमार बोला । “ तुम इसे पत्ती - पत्ती करके निकाल लो तथा उसे गरीबों में बाँट दो , सजीव प्राणी हमेशा सोचते हैं कि सोना उन्हें खुशी दे सकता है । " बढ़िया सोने की एक - एक पत्ती , अबाबील ने उखाड़ ली , जब तक कि हैप्पी प्रिंस नीरस तथा भूरा नहीं दिखने लगा । एक के बाद एक बढ़िया सोने की पत्ती उसने गरीबों में बाँटी । बच्चों के चेहरे गुलाबी हो गए तथा वे प्रसन्न होकर गली में खेलने लगे । " “ अब हमारे पास रोटी है ! " वे चिल्लाए ।
Then the snow came , and after the snow came the frost . The streets looked as if they were made of silver . Everybody went about in furs , and the little boys wore scarlet caps and skated on the ice . The poor little swallow grew colder and colder , but he would not leave the Prince , he loved him too well . He picked up crumbs outside the baker's door when the baker was not looking , and tried to keep himself warm by flapping his wings .
But at last he knew that he was going to die . He had just enough strength to fly up to the Prince's shoulder once more . " Goodbye , dear Princel " he murmured . " Will you let me kiss your hand ? " I am glad that you are going to Egypt at last , little Swallow , " said the Prince . " You have stayed too long here but you must kiss me on the lips , for I love you . " " It is not to Egypt that I am going , " said the swallow . " I am going to the House of Death . Death is the brother of Sleep , is he not ? " टुकड़े ; तब बर्फ गिरने लगी तथा बर्फ के बाद कोहरा आ गया । गलियाँ ऐसी दिखने लगी मानो वे चाँदी से निर्मित हों । प्रत्येक व्यक्ति ऊनी वस्त्र पहनकर घूमने लगा तथा छोटे बालकों ने लाल रंग की टोपियाँ पहनी तथा बर्फ पर स्केटिंग करने लगे । बेचारे छोटे अबाबील पक्षी को अधिकाधिक ठंड लगने लगी , परंतु उसने राजकुमार का साथ नहीं छोड़ा , उसे अत्यधिक प्यार करने लगा । जब नानबाई ( बेकर ) दूसरी ओर देख रहे होते तो पक्षी उनके दरवाजे के बाहर पड़े रोटी के टुकड़े उठा लेता और अपने पंखों को फड़फड़ाकर स्वयं को गरम रखने की कोशिश करता । परंतु अंत में उसे लगा कि उसकी मौत निकट आ रही है । इसके पास इतनी ताकत शेष थी कि वह एक बार उड़कर राजकुमार के कंधे पर बैठ सके । " अलविदा , प्रिय राजकुमार ! " वह बड़बड़ाया । क्या तुम मुझे अपना हाथ चूमने दोगे ? " " मैं खुश हूँ कि अंत में तुम मिस्र जा रहे हो , नन्हें अबाबील " , राजकुमार बोला । “ तुम यहाँ लंबे समय तक ठहरे रहे परंतु तुम मुझे होंठों पर चुंबन करो , क्योंकि मैं तुम्हें प्यार करता हूँ । " पक्षी बोला , " मैं मिस्र नहीं जा रहा हूँ । मैं मौत के घर जा रहा हूँ । मरण , निद्रा का भ्राता है , क्या नहीं है ?
" And he kissed the Happy Prince on the lips , and fell down dead at his feet . At that moment a curious crack sounded inside the statue , as if something had broken . The fact is that the leaden heart had snapped right in two . It certainly was a dreadfully hard frost . Early the next morning the Mayor was walking in the square below in company with the Town Councillors . As they passed the column he looked up at the statue . " Dear me ! How shabby the Happy Prince looks ! ” he said . " How shabby , indeed ! " cried the Town Councillors , who always agreed with the Mayor and they went up to look at it .
और उसने हैप्पी प्रिंस के होठों का चुंबन किया तथा उसके पैरों पर निर्जीव होकर गिर गया । । उस क्षण कुछ टूटने की एक विचित्र आवाज मूर्ति के अंदर से आई , मानो कोई चीज टूट गई हो । सच तो यह है कि राजकुमार का सीसे का दिल बीच से दो टुकड़े हो गया था । यह निश्चित रूप से भयावह सख्त तुषार था । अगले दिन सुबह - सुबह महापौर नगरपालिका के सदस्यों के साथ मैदान में घूम रहा था । जब वे स्तंभ के समीप से निकले तो महापौर ने मूर्ति को देखा । " हैप्पी प्रिंस कितना गंदा लग रहा है ! " वह बोला । “ सचमुच कितना गंदा ! " निगम पार्षद चिल्लाए , जो महापौर की बात से हमेशा सहमत रहते थे वे सभी मूर्ति को देखने ऊपर गए ।
" The ruby has fallen out of his sword , his eyes are gone , and he is golden no longer , " said the Mayor . " In fact , he is little better than a beggar ! " " Little better than a beggar , " said the Town Councillors . " And here is actually a dead bird at his feet ! " continued the Mayor . " We must really issue a proclamation that birds are not to be allowed to die here . " And the Town Clerk made a note of the suggestion
" उनकी तलवार में जड़ी लालमणि गिर चुकी थी । उसकी आँखें जा चुकी थीं तथा मूर्ति पर सोने का पत्र भी नहीं रहा " , महापौर बोला । “ वास्तव में वह एक भिखारी से थोड़ा बेहतर है । " " भिखारी से थोड़ा बेहतर " नगर पार्षदों ने कहा । " और वास्तव में उसकी टाँगों के पास एक मृत पक्षी भी पड़ा है ! ' ' महापौर बोलता रहा । “ हमें एक घोषणा कर देनी चाहिए कि पक्षियों को यहाँ मरने की अनुमति नहीं है । ' ' तथा नगर लिपिक ने इस सुझाव को नोट कर लिया ।
So they pulled down the statue of the Happy Prince . " As he is no longer beautiful he is no longer useful , " said the Art Professor at the University . Then they melted the statue in a furnace . " What a strange thing ! " said the overseer of the workmen at the foundry ? “ This broken lead heart will not melt in the furnace . We must throw it away . " So they threw it on a dust heap where the dead swallow was also lying " Bring me the two most precious things in the city , " said God to one of His Angels ; and the Angel brought Him the leaden heart and the dead bird . " You have rightly chosen , " said God , " for in my garden of Paradise this little bird shall sing for ever more and in my city of gold the Happy Prince shall praise me . "
इस प्रकार उन लोगों ने हैप्पी प्रिंस की मूर्ति को उतार लिया । “ चूंकि मूर्ति अब सुंदर नहीं रही इसलिए वह अब उपयोगी भी नहीं रही " , विश्वविद्यालय के कला प्रोफेसर ने कहा । अत : उन लोगों ने मूर्ति को भट्टी में गलाया । " कितनी विचित्र बात है ? " ढलाई के श्रमिकों को ओवरसियर ने कहा , “ यह सीसे का दिल तो भट्टी में गलता ही नहीं । हमें इसे फेंक देना चाहिए । " इसलिए उन्होंने उसे कूड़े के ढेर में फेंक दिया जहाँ पर मृत अबाबील भी पड़ा था । “ नगर से मुझे दो सर्वाधिक कीमती वस्तुएँ लाकर दो ” , भगवान ने अपने एक देवगण से कहा । तथा वह देव भगवान के पास सीसे का दिल तथा मृत पक्षी उठा लाया । " तुमने सही चयन किया है " , भगवान बोले , “ क्योंकि मेरे स्वर्ग के बगीचे में नन्हा पक्षी सदैव के लिए गाता रहेगा तथा मेरी स्वर्ण नगरी में हैप्पी प्रिंस मेरी प्रशंसा करे गा । "
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Click here for Post a CommentVery good story
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