AN ASTROLOGER'S DAY -BY R.K. NARAYAN

AN ASTROLOGER'S DAY -BY R.K. NARAYAN 

Punctually at midday he opened his bag and spread out his professional equipment , which consisted of a dozen cowrie shells , a square of cloth with obscure mystic charts on it , a notebook , and a bundle of palmyra writing . His forehead was resplendent with sacred ash and vermilion , and his eyes sparkled with a sharp abnormal gleam which was really an outcome of a continual searching look for customers , but which his simple clients took to be a prophetic light and felt comforted . The power of his eyes was considerably enhanced by their position - placed as they were between the painted forehead and the dark whiskers which streamed down his cheeks : even a half - wit's eyes would sparkle in such a setting .
रोज की भाँति दोपहर को उसने अपना थैला खोला तथा अपने व्यवसायिक सामान फैला दिया जिसमें एक दर्जन कौड़ियाँ , एक वर्गाकार कपड़ा , जिस पर धुंधली रहस्यमयी आकृतियाँ बनी हुई थीं , एक नोटबुक थी और ज्योतिष की लिखाई वाले कागजों का एक बण्डल था । उसका मस्तक पवित्र भस्म व सिंदूर  से चमक रहा  था , उसकी आँखें एक विचित्र तेज के साथ चमक रही थीं जो वास्तव में लगातार ग्राहकों को खोजते रहने का परिणाम था , जिन्हें उसके भोले - भाले ग्राहक एक दिव्य प्रकाश वाली समझते थे तथा सुख का अनुभव करते थे । उसके पुते हुए माथे व गालों पर छाये हुए गलमुच्छों के मध्य में स्थित उसकी आँखें अपनी स्थिति के कारण बहुत अधिक शक्तिशाली प्रतीत होती थीं। एक मूर्ख तक की आँखें इस तरह की स्थिति में चमकीली बन सकती थीं ।


To crown the effect he wound a saffron coloured turban his head . This colour scheme never failed . People were attracted to him as bees are attracted to cosmos of Dahlia stalks . He sat under the boughs of a spreading tamarind tree which flanked a path running through the Town Hall Park . It was a remarkable place in many ways ; a surging crowd was always moving up and down this narrow road , morning till night . A variety of trades and occupations was represented all along its way : medicine sellers , sellers of stolen hardware and junk , magicians , and , above all , an auctioneer of cheap cloth , who created enough din all day to attract the whole town . Next to him in vociferousness came a vendor of fried groundnut , who gave his ware a fancy name each day , calling it " Bombay Ice - cream ” one day , and on the next “ Delhi Almond , " and on the third " Raja's Delicacy , " and so on and so forth , and people flocked to him.
इस प्रभाव को और अधिक बढ़ाने के लिए वह अपने सिर के चारों तरफ भगवा रंग का साफा बाँधता था । यह रंग - योजना कभी व्यर्थ नहीं जाती थी । लोग उसकी तरफ इस भाँति आकर्षित होते थे जैसे मधुमक्खियाँ कॉसमॉस या दहलिया के पौधों की तरफ आकर्षित होती । टाउनहॉल पार्क में से गुजरती हुई सड़क के किनारे पर एक इमली के वृक्ष की फैली हुई शाखाओं के तले वह बैठा करता था । अनेक बातों में वह एक बढ़िया स्थान था , सवेरे से लेकर रात तक इस सँकरी सड़क पर इधर से उधर तक भीड़ उमड़ती रहती थी । उस सड़क पर किनारे - किनारे भाँति - भाँति के व्यापार तथा कामों का प्रतिनिधित्व था - औषधि - विक्रेता , चुराए हुए काठ - कबाड़ के विक्रेता , जादूगर लोग और इन सबसे बढ़कर सस्ते कपड़े का एक नीलामकर्ता जो पूरे कस्बे को आकर्षित करने के लिए सारे दिन शोरगुल मचाता रहता था । शोरगुल मचाने में उसके बाद नम्बर आता था भुनी मूंगफली वाले का जो प्रत्येक दिन अपने सामान को एक सुन्दर नाम दे दिया करता था किसी दिन उसे मुम्बई की आइसक्रीम कह देता था , अगले दिन उसे दिल्ली के बादाम कहता और तीसरे दिन उसे राजा की मिठाई इत्यादि ............ इत्यादि कहा करता था तथा उसके चारों तरफ लोग जमा रहते थे ।




A considerable portion of this crowd dallied before the astrologer too . The astrologer transacted his business by the light of a flare which crackled and smoked up above the groundnut heap nearby . Half the enchantment of the place was due to the fact that it did not have the benefit of municipal lighting . The place was lit up by shop lights . One or two had hissing gas - lights , some had stuck naked flare on poles , some were lit up by old cycle lamps , and one or two , like the astrologer’s managed without lights of their own. It  was a bewildering criss - cross of light rays and moving shadows . This suited the astrologer very well , for the simple reason that he had not in the least intended to be an astrologer when he began life , and he knew no more of what was going to happen to himself next minute . He was as much a stranger to the stars as were his innocent  customers . Yet he said things which pleased and astonished everyone : that was more a matter of study , practice and shrewd guesswork.
इस भीड़ का एक बड़ा भाग ज्योतिषी के सामने जमा रहता था । एक लपलपाती हुई रोशनी के सहारे ज्योतिषी अपना व्यापार चलाता था जो पास के मूंगफली के ढेर के पास चटख - चटख कर धुआँ उड़ाती हुई जला करती थी । उस स्थान का आधा आकर्षण तो इस तथ्य के कारण था कि उसे नगरपालिका की रोशनी का कोई लाभ नहीं था । उस स्थान को दुकानों की रोशनियों का प्रकाश मिलता था । एक या दो के पास फुस्कार भरती हुई गैस की बत्तियाँ थीं , कुछ के पास बाँसों में लगी हुई नंगी लपटें थीं , कुछ साइकिल की पुरानी बत्तियों से प्रकाशित थीं तथा एक या दो , ज्योतिषी की भाँति , अपनी स्वयं की रोशनी के बिना ही काम चला रह थे ! वहाँ पर रोशनी की किरणें व चलती - फिरती छायाएँ एक - दूसरे को रही थीं । यह ज्योतिषी को बहुत माफिक पड़ता था , इसका सीधा कारण था कि जब उसने अपना जीवन शुरू किया तो उसका कोई इरादा ज्योतिषी बनने का नहीं था तथा वह औरों के भविष्य के बारे में उतना ही अनजान था जितना वह अपने स्वयं के भविष्य के बारे में अनजान था । वह नहीं जानता था कि अगले मिनट में उसे स्वयं को क्या होने वाला था । वह नक्षत्रों के बारे में उतना ही अनजान था जितने उसके भोले - भाले ग्राहक हुआ करते थे । फिर भी वह ऐसी बातें बनाता था जो हर एक को प्रसन्न व आश्चर्यचकित कर देती थीं ; यह सब उसके निरीक्षण , अभ्यास तथा चालाक अनुमान की बात हुआ करती थी ।


All the same, it was as much an honest man's labour as any other, and he deserved the wages he carried home at the end of a day. He had left his village without any previous thought or plan. If he had continued there, he would have carried on the work of his forefathers-namely, tilling the land, living, marrying, and ripening in his cornfield and ancestral home. But that was not to be. He had to leave home without telling anyone, and he could not rest till he left it behind a couple of hundred miles. To a villager it is a great deal, as if an ocean flowed between.
फिर भी उसके परिश्रम में उतनी ही ईमानदारी थी जितनी कि किसी भी ईमानदार के परिश्रम में हो सकती थी तथा दिन के बीतने पर जो कुछ कमाई वह घर ले जाता था वह उसके योग्य होती थी । उसने पहले से बिना कुछ सोचे - विचारे या योजना के अपना गाँव छोड़ दिया था । यदि वह वहाँ रह रहा होता तो वहाँ पर वह अपने पुरखों वाला काम कर रहा होता ; जैसे अपने खेतों को जोतना तथा पुरखों के घर में रहना , विवाह करना व जीवन बिताना । किन्तु ऐसा होना नहीं था । बिना किसी से कुछ कहे उसे घर छोड़ना पड़ा तथा बिना उसे सैकड़ों मील पीछे छोड़े वह रुक ही नहीं सका । एक गाँव वाले के लिए यह बहुत बड़ी बात थी जैसे कि उन दो स्थानों के बीच में एक लहराते हुए महासागर वाली दूरी थी


He had a working analysis of mankind's troubles: marriage, money, and the tangles of human ties. Long practice had sharpened his perception. Within five minutes he understood what was wrong. He charged three pies per question, never opened his mouth till the other had spoken for at least ten minutes,
आदमियों की मुसीबतों का उसे सही विश्लेषण आता था , जैसे - शादी - विवाह , धन - दौलत , रिश्ते तथा रिश्तेदारी की उलझनें । लम्बे अभ्यास ने उसके निरीक्षण को तीव्र कर दिया था । पाँच मिनट के अन्दर ही अन्दर वह समझ लेता था कि क्या कुछ गलत है । वह प्रत्येक प्रश्न के लिए तीन पाई लेता था तथा तब तक कभी अपना मुँह नहीं खोलता था जब तक कि दूसरा कम से कम दस मिनट तक नहीं बोल लेता था ।



which provided him with enough stuff for a dozen answers and advices . When he told the person before him , gazing at his palm , In many ways you are not getting the fullest results for your efforts , " nine out of ten were disposed to agree with him . Or he questioned : “ Is there any woman in your family , may be even a distant relative , who is not well disposed towards you ? " Or he gave an analysis of character : " Most of your troubles are due to your nature . How can you be otherwise with Saturn where he is ? You have an impetuous nature and a rough exterior . "This endeared him to their hearts immediately , for even the mildest of us loves to think that he has a forbidding exterior .
इस बात से उसे एक दर्जन उत्तरों एवं सलाहों के लिए मसाला मिल जाता था । जब वह सामने वाले व्यक्ति की हथेली को ध्यान से देखते हुए उसे बताता , " अनेक बातों में तुम्हें अपने प्रयासों का पूरा फायदा नहीं मिल पा रहा है , " तब दस में से नौ लोग उसके साथ राजी होना मान लेते थे अथवा वह प्रश्न करता था क्या तुम्हारे परिवार में कोई ऐसी औरत है , दूर की रिश्तेदार भी हो सकती है , जो तुम्हारे साथ अच्छा व्यवहार न रखती हो ? " या फिर वह चरित्र का विश्लेषण करने लगता था , " तुम्हारी अधिकतर परेशानियाँ तुम्हारे स्वभाव के कारण हैं । जिस स्थान पर शनि है उसके रहते हुए तुम बदल भी कैसे सकते हो ? तुम्हारा स्वभाव तो चंचल है और ऊपर से खराब भी लगते हो । ' इतनी बात से वह शीघ्र ही उनके दिलों में अपने लिए एक प्यार भरा स्थान बना लेता क्योंकि हममें से जो सब ज्यादा विनम्र है वह भी सोचता है की मैं दिखने मे निष्ठुर हूँ।




The nut vendor blew out his flare and rose to go home . This was a signal for the astrologer to bundle up too , since it left him in darkness except for a little shaft of green light which strayed in from somewhere and touched the ground before him . He picked up his cowrie shells and paraphernalia and was putting them back into his bag when the green shaft of light was blotted out ; he looked up and saw a man standing before him . He sensed a possible client and said : “ You look so careworn . It will do you good to sit down for a while and chat with me . " The other grumbled some reply vaguely , The astrologer pressed his invitation ; whereupon the other thrust his palm under his nose , saying , “ You call yourself an astrologer ? " The astrologer felt challenged and said , tilting the other's palm towards the green shaft of light : " Yours is a nature ........ " " Oh , stop that , " the other said . “ Tell me something worthwhile ........ "
- मूंगफली वाले ने अपनी रोशनी बुझा दी तथा घर जाने के लिए उठ बैठा । यह इस बात का इशारा था कि ज्योतिषी भी अपना सामान बाँध ले क्योंकि अब वह अँधेरे में रह जायेगा सिवाय हरी रोशनी की एक किरण के जो कि कहीं से भटक कर वहाँ आ गयी थी तथा उसके सामने की जमीन का स्पर्श कर रही थी । वह अपनी कौड़ियाँ व अन्य सामान को समेट कर उसे अपने थैले में भर रहा था कि हरी रोशनी वहाँ से मिट गयी ; उसने ऊपर को देखा तो अपने सामने एक आदमी को खड़ा हुआ देखा । उसने एक सम्भावित ग्राहक का अनुमान लगाया और कहा " तुम बहुत परेशान दिखायी पड़ते हो । यदि तुम थोड़ा बैठो और मुझसे बातें करो तो तुम्हारा कल्याण होगा । " दूसरे ने बड़बड़ा कर कुछ अस्पष्ट उत्तर दिया । ज्योतिषी ने अपनी बात पर जोर डाला , इस बात पर दूसरे ने उसकी नाक के तले यह कहते हुए अपनी हथेली घुसा दी - " तुम अपने को ज्योतिषी कहते हो ? " ज्योतिषी को यह बात एक चुनौती - सी महसूस हुई और दूसरे की हथेली को रोशनी की हरी किरण में मोड़ते हुए कहा , " तुम्हारा एक ऐसा स्वभाव है ... अरे , उसे बन्द करो , " दूसरा बोला , " मुझे कुछ काम की बात बताओ .........। "


Our friend felt piqued . " I charge only three pies per question , and what you get ought to be good enough for your money .... " At this the other withdrew his arm , took out an anna , and flung it out to him , saying : " I have some questions to ask . If I prove you are bluffing , you must return that anna to me with interest . " " If you find my answers satisfactory , will you give me five rupees ? " " No. " " Or will you give me eight annas ? "
हमारे मित्र के अभिमान को चोट लगी । " मैं प्रति प्रश्न केवल तीन पाई लेता हूँ , और जो तुम्हें मुझसे मिलेगा वह तुम्हारे पैसों के हिसाब से काफी अच्छा ही होना चाहिए । " इस पर दूसरे ने अपनी बाँह पीछे को खींच ली , एक इकन्नी निकाली और उसे उसकी तरफ को यह कहते हुए उछाल कर फेंक दिया , " मुझे कुछ प्रश्न पूछने हैं । यदि मैं यह सिद्ध कर दूँ कि तुम धोखा दे रहे हो तो तुम मुझे यह इकन्नी ब्याज के साथ लौटा देना । " यदि तुम्हें मेरे उत्तर सन्तोषजनक लगें तो तुम मुझे पाँच रुपये दोगे ? " " या तुम मुझे आठ आने दोगे ? " - " नहीं । '


 “ All right , provided you give me twice as much if you are wrong , " said the stranger . This pact was accepted after a little further argument . The astrologer sent up a prayer to heaven as the other lit a cheroot . The astrologer caught a glimpse of his face by the matchlight . There was a pause as cars hooted on the road , jutka drivers swore at their horses , and the babble of the crowd agitated the semi - darkness of the park . The other sat down , sucking his cheroot , puffing out , sat there ruthlessly . The astrologer felt very uncomfortable . “ Here , take your anna back . I am not used to such challenges . It is late for me today ......... " He made preparations to bundle up . The other held his wrist and said : " You can't get out of it now . You dragged me in while I was passing . " The astrologer shivered in his grip ; and his voice shook and became faint . “ Leave me today . I will speak to you tomorrow . " The other thrust his palm in his face and said : " Challenge is challenge . Go on . " The astrologer proceeded with his throat drying up : " There is a woman ........
ठीक है पर यदि तुम गलत हुए तो तुम मुझे उसका दुगुना दोगे , " अजनबी ने कहा । थोड़ी - सी और बहस कर लेने के बाद यह समझौता स्वीकार कर लिया गया । ज्योतिषी ने आकाश की तरफ को प्रार्थना की जबकि दूसरे ने एक चुरुट सुलगा लिया । दियासलाई की रोशनी में ज्योतिषी ने उसके चेहरे की एक झलक पकड़ी । कारों ने सड़क पर हॉर्न बजाए क्योंकि कुछ रुकावट थी , जतुका के सईसों ने अपने घोड़ों को गालियाँ दी और की बकवास ने बाग के आधे से अँधेरे को छेड़ दिया । अपने चुरुट के धुएँ को खींचता व फेंक हुआ दूसरा बैठा था । ज्योतिषी को बहुत बेचैनी महसूस हुई । " यह अपनी इकन्नी वापस लो । मैं ऐसी चुनौतियों का आदी नहीं हूँ । आज मुझे देर हो गई है .. । " उसने सामान बाँधने की तैयारी की । दूसरे ने - उसकी कलाई पकड़ ली और कहा , " अब तुम अपनी बात से बाहर नहीं हो सकते । तुमने मुझे यहाँ पर से गुजरते हुए रोका है । " उसकी पकड़ में ज्योतिषी काँप उठा और उसकी आवाज काँपी और धीमी पड़ गयी । " ' आज मुझे छोड़ दो । मैं तुम से कल बात करूँगा । ' ' दूसरे ने अपनी हथेली उसके चेहरे के पास अड़ा दी और कहा , " चुनौती तो चुनौती होती है । बोलते चलो । " सूखते हुए गले से ज्योतिषी आगे बोला , " एक " औरत ..


" Stop , " said the other , “ I don't want all that . Shall I succeed in my present search or not ? Answer this and go . Otherwise I will not let you go till you disgorge all your coins . " The astrologer muttered a few incantations and replied : " All right , I will speak . But will you give me a rupee if what I say is convincing ? Otherwise I will not open my mouth , and you may do what you like . " After a good deal of haggling the other agreed . The astrologer said : " You were left for dead . Am I right ? " " Ah , tell me more . "
" रुक जाओ , ' दूसरा बोला , " मुझे वो सब नहीं चाहिए । क्या मैं अपनी वर्तमान खोज में सफल होऊँगा या नहीं ? इसका उत्तर दो और चलते बनो । नहीं तो मैं तुम्हारे सारे सिक्के छीने बिना तुम्हें नहीं जाने दूंगा । " ज्योतिषी ने कुछ मन्त्र बड़बड़ाए और उत्तर दिया , " ठीक है , मैं बताऊँगा । यदि तुम्हें मेरा कहा हुआ ठीक लगे तो क्या मुझे एक रुपया दोगे ? नहीं तो मैं अपना मुँह नहीं खोलूँगा और तुम्हें जो ठीक लगे सो कर लेना । " बहुत काफी झखझख के बाद दूसरा राजी हो गया । ज्योतिषी बोला , " तुम्हें मरा हुआ जानकर छोड़ दिया गया । क्या मैं ठीक कह रहा हूँ ? " " अरे , मुझे और आगे बताओ । "



A knife has passed through you once ? " said the astrologer . " Good fellow ! " He bared his chest to show the scar . " What else ? ” " And then you were pushed into a well nearby in the field . You were left for dead . " " I should have been dead if some passer - by had not chanced to peep into the well , " exclaimed the other , overwhelmed by enthusiasm . " When shall I get at him ? ” he asked clenching his fist . " In the next world , " answered the astrologer . “ He died four months ago in a far - off town . You will never see any more of him . " The other groaned on hearing it . The astrologer proceeded :
" एक बार कभी तुममें से एक चाकू पार हुआ था ? " ज्योतिषी ने कहा । ' क्या आदमी हो ! " उस निशान को दिखाने के लिए उसने छाती खोल दी । " और क्या चाहिए ? " और फिर खेत वाले पास के कुएँ में तुम्हें धकेल दिया गया । तुम्हें मरा जान कर छोड़ दिया गया । " यदि वहाँ से एक कोई गुजरने वाला अकस्मात् उस कुएँ में नहीं झाँकने लगता तो मैं मर ही गया होता " , दूसरे के मुँह से निकल पड़ा जो उत्साह से उफन रहा था । " मैं उसे कब पकड़ पाऊँगा ? " अपनी मुट्ठी भोचते हुए उसने पूछा । ' अगली दुनिया में , " ज्योतिषी ने उत्तर दिया । " वह तो चार माह पहले एक दूर - दराज के कस्बे में मर गया । अब वह तुम्हें कभी नहीं मिलेगा । " इस बात को सुनकर दूसरे ने एक कराह भरी । ज्योतिषी कहता गया।


“Guru Nayak , ” “ You know my name ! " the other said , taken aback . Your " As I know all other things . Guru Nayak , listen carefully to what I have to say . village is two days ' journey due north of this town . Take the next train and be gone . I see once again great danger to your life if you go from home . " He took out a pinch of sacred ash and held it to him . “ Rub it on your forehead and go home . Never travel southwardagain ,and you will be live to be a hundred
गुरु नायक . ' तुम तो मेरा नाम भी जानते हो ! " आश्चर्य में भरकर दूसरा बोला । ' क्योंकि मैं दूसरी सारी बातें भी जानता हूँ , गुरु नायक । जो कुछ मुझे कहना है उसे ध्यानपूर्वक सुनो । इस कस्बे से तुम्हारा गाँव उत्तर की तरफ दो दिन की यात्रा पर पड़ता है । अगली गाड़ी को पकड़ कर चले जाओ । यदि तुम घर से बाहर निकले तो मैं तुम्हारे लिए फिर से एक बड़ा खतरा देख रहा हूँ । " उसने एक चुटकी भर पवित्र भस्म निकाली और उसके आगे बढ़ा दी । " इसे अपने माथे पर लगा लो और घर चले जाओ और तुम एक सौ वर्ष तक जिन्दा रह जाओगे । "


 “ Why should I leave home again ? " the other said reflectively . “ I was only going away now and then to look for him and to choke out his life if I met him . " He shook his head regretfully . " He has escaped my hands . I hope at least he died as he deserved . " Yes , " said the astrologer . " He was crushed under a lorry . ” The other looked gratified hear it .
" मैं फिर यहाँ पर क्यों आऊँगा ? " दूसरे ने सोच - विचार के बीच में कहा । " मैं तो बार - बार घर छोड़कर उसकी तलाश में निकलता और यदि वह मुझे मिल जाता तो उसका गला घोंट देता । " उसने अपना सिर खेदपूर्वक हिलाया । ' वह मेरे हाथों से बच गया । मुझे आशा है कि वह जिस लायक था उसी तरह से उसकी मौत हुई । ' ' " हाँ , " ज्योतिषी बोला । " वह एक ट्रक के नीचे कुचल गया । ' ' इस बात को सुनकर दूसरे को सन्तोष मिला ।


The place was deserted by the time the astrologer picked up his articles and put them into his bag . The green shaft was also gone , leaving the place in darkness and silence . The stranger had gone off into the night , after giving the astrologer a handful of coins . It was nearly midnight when the astrologer reached home . His wife was waiting for . him at the door and demanded an explanation . He flung the coins at her and said : " Count . them . One man gave all that . "
जितनी देर में ज्योतिषी ने अपनी चीजें उठायीं और उन्हें अपने थैले में रखा उतनी देर में वह स्थान सूना हो गया । हरी किरण भी , उस स्थान को अन्धकारमय व खामोश छोड़कर गायब हो चुकी थी । वह अनजान व्यक्ति ज्योतिषी को एक मुट्ठी सिक्के देने के बाद रात्रि में विलीन हो गया । जब ज्योतिषी घर पहुंचा तब आधी रात थी । उसकी पत्नी दरवाजे पर उसकी प्रतीक्षा कर रही थी तथा उसने देर से आने का कारण पूछा । उसने उसकी तरफ सिक्के उछाल दिए और कहा , " इन्हें गिनो । एक आदमी ने ये सब दिये हैं । "



" Twelve and a half annas , " she said , counting . She was overjoyed . “ I can buy some jaggery and coconut tomorrow . The child has been asking for sweets for so many days now . I will prepare some nice stuff for her . " " The swine has cheated me ! He promised me a rupee , " said the astrologer . She looked up at him . " You look worried . What is wrong ? " " Nothing . "
" साढ़े बाहर आने , " वह गिनती हुई बोली । उसे बेहद खुशी हुई । कल मैं थोड़ा गुड़ और नारियल खरीदूँगी । बच्ची बहुत दिनों से मिठाई के लिए कह रही थी । अब मैं उसके लिए कुछ बढ़िया चीज तैयार करूंगी । " " उस सुअर ने मुझे ठग लिया । उसने मुझसे एक रुपये का वायदा किया था । " " तुम चिन्ता में दिखते - हो । क्या गड़बड़ी है ? " ' कुछ नहीं । "


After dinner , sitting on the pyol , he told her : " Do you know a great load is gone from me today ? I thought I had the blood of a man on my hands all these years . That was the reason why I ran away from home , settled here , and married you . He is alive ."
रात के भोजन के बाद , प्योल पर बैठकर , ज्योतिषी ने अपनी पत्नी से कहा - " क्या तुम जानती हो कि आज मेरा एक बड़ा बोझ उतर गया ? इतने सारे वर्षों से मैं सोचता रहा था कि मेरे हाथों पर एक आदमी का खून था । यही कारण था कि मैं घर से भाग लिया , यहाँ बस गया और तुमसे विवाह कर लिया । वह जिन्दा है।


 She gasped . “ You tried to kill ! " " Yes , in our village , when I was a silly youngster . We drank , gambled , and quarrelled badly one day - why think of it now ? It's time to sleep , " he said yawning , and stretched himself on the pyol .
 उसने गहरी साँस ली । तुमने जान से मारने की कोशिश की । " " हाँ , अपने गाँव में , जब में एक बेवकूफ युवक था । एक दिन हमने शराब पी , जुआ खेला और बुरी तरह से झगड़ा किया अब उसके बारे में क्यों सोचा जाए ? सोने का समय हो गया । " उसने जम्हाई लेते हुए कहा और प्योल पर तनकर लम्बा लेट गया ।

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Unknown
admin
August 3, 2022 at 11:43 PM ×

Maharashtra board 11th & 12th English explanation please sir

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Unknown
admin
August 3, 2022 at 11:44 PM ×

Maharashtra board English 11&12th explanation please sir

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