TORCH BEARERS PART -2
A story is told of Guru Nanak that, in the course of his
travels, he came to a village Besides him, his disciple, Mardana, also came to
the village. They wanted to stay there for
the night. But the villagers were rude and inhospitable and would not
let them stay anywhere in the village. So Guru Nanak and Mardana were forced to
spend the night in the open. As they turned away from the village, Guru Nanak
said "I pray that the people of
this village may always stay in this village." Mardana was somewhat
puzzled at this but said nothing.
गुरु नानक के विषय में एक कहानी कही जाती है कि
एक बार वे अपनी यात्राओं के दौरान एक गांव में आए। उनके अतिरिक्त उनका शिष्य मर्दाना
भी गांव में आया। वे उस गांव में उस
रात रुकना चाहते थे। किंतु
गांव वाले असभ्य और अशिष्ट थे
और उन्हें गांव में कहीं भी ठहरने नहीं दिया गया अतः गुरु नानक और मर्दाना को रात्रि खुले में व्यतीत करना पड़ा। जब
गांव से बाहर आए तो गुरु नानक ने कहा मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि इस गांव
के निवासी सदैव इस गांव में रहें यह सुनकर मर्दाना थोड़ा सा परेशान हो गया किंतु
उसने कुछ नहीं कहा।
The next night, they came to another village, where they met
with a very different reception. The
villagers welcomed them, treated, them kindly, found them a place to stay for
the night and gave them food to eat. In
the morning, as Guru Nanak and Mardana were leaving, the Guru Nanak said,
"I pray that the people of this village may not remain in their village,
but may be scattered throughout the country." दूसरे दिन रात
के समय वे दोनों एक दूसरे गांव में पहुंचे जहां पर उनका स्वागत बहुत ही भिन्न
प्रकार से हुआ ग्राम वासियों ने उनका स्वागत किया रात में ठहरने के लिए स्थान दिया
और खाने के लिए भोजन दिया। सुबह के समय जब
गुरु नानक और मर्दाना उस गांव से जा
रहे थे गुरु नानक ने कहा मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि इस गांव के निवासी इस
गांव में ना रहे अपितु संपूर्ण देश में फैल जाएं।
But this was too much
for Mardana. He protested. "Why," he said to the Guru,
"Do you pray for good thing for people who treat us badly and for
misfortunes for those who treat us well? You should have prayed for those
inhospitable villagers to be scattered over the country and for These good
people to remain comfortably where they are.
किंतु यह बात मर्दाना के लिए बहुत अधिक थी उसने
विरोध प्रकट करते हुए कहा आप उन लोगों की भलाई के लिए क्यों प्रार्थना करते हो
जिन्होंने हमारे साथ बुरा व्यवहार किया। और इन लोगों के लिए परेशानी क्यों चाहते
हो जिन्होंने हमारे साथ अच्छा व्यवहार किया? आपको उन अशिष्ट
लोगों के लिए देश भर में फैल जाने की प्रार्थना करनी चाहिए थी और उन अच्छे लोगों
को अपनी जगह पर आराम के साथ रहने की प्रार्थना करनी चाहिए थी।
"No",
replied Guru Nanak. "It is better for those inhospitable and selfish
people to stay in one place where they can do harm in one place
only." If they went other places
they would have an evil influence all through the country. Now these good people, with whom we put up
last night, are too good to be left in one place. They have something which is
needed everywhere. Their influence and their character will be of benefit of
others, wherever they go. Hence they ought to be scattered so that they can
take their light to other places."
गुरु
नानक ने उत्तर दिया नहीं उन स्वार्थी और अशिष्ट
लोगों के लिए एक ही स्थान पर बने रहना अधिक अच्छा है ताकि वह केवल एक ही स्थान पर
हानि पहुंचा सके। यदि वे दूसरे स्थानों को चले गए तो वे संपूर्ण देश में अपना बुरा
प्रभाव डाल देंगे। अब यह अच्छे व्यक्ति जिनके साथ हम कल रात ठहरे थे इतने अधिक
अच्छे हैं कि इन्हें एक ही स्थान पर नहीं छोड़ा जा सकता। इनमें कुछ ऐसे गुण हैं
जिनकी आवश्यकता हर स्थान पर है। ये जहां कहीं भी जाएंगे इनका प्रभाव और चरित्र दूसरे व्यक्तियों के
लिए लाभदायक होगा। अतः इनको संपूर्ण
देश में फैल जाना चाहिए ताकि ये अपना
प्रकाश दूसरे स्थान को अपने साथ ले जा सके।
Now we have to see to it that we grow into such citizens
that people will want the light of our character and our influence everywhere. We do not wish to have the sort of character
that will make people want us to stay in one place and not to mix with others.
If we are to be good citizens, who will be able to serve our country, we must be
carrying light with us wherever we go and not darkness. Our influence on others
must be for good and not darkness. Our lives must be such that wherever we go
and wherever we live, other people will be the better for our having been with
them. A good citizen is a centre of light wherever he lives and whatever he is
doing. The greater the number of good citizens in a country, the more
enlightened will the country be as a whole.
अब हमें यह देखना है कि हम ऐसे नागरिक बन सकें
कि प्रत्येक स्थान पर लोग हमारे चरित्र के
प्रकार और प्रभाव को चाहे। हम इस प्रकार का चरित्र नहीं चाहते हैं कि अन्य लोग यह
चाहे कि हम एक ही स्थान पर बने रहें और दूसरों से ना मिल सके। यदि हमें अच्छे
नागरिक बनना है जो अपने देश की सेवा कर सके तो हमें अपने साथ जहां कहीं भी जाएं
प्रकाश ले जाते रहना चाहिए ना कि अंधकार अन्य लोगों पर हमारा प्रभाव अच्छा होना
चाहिए ना कि बुरा हमारा जीवन ऐसा होना चाहिए कि जहां कहीं हम जाएं और जहां कहीं भी
हम रहे दूसरे लोग हमारे साथ रहने के कारण पहले की अपेक्षा और अधिक अच्छे बन सके।
अच्छा नागरिक प्रकाश का केंद्र होता है वह चाहे जहां कहीं भी रहता हो और चाहे जो
कुछ भी वह करता हो एक देश में
जितने अच्छे अधिक नागरिक होंगे वह देश उतना ही अधिक गौरवशाली होगा।
All of us are, or will be, citizens of our country. But we
have to make up our minds whether we are going to be good citizens or bad ones.
We have to decide whether we shall live such lives that our country will be the
better for our lives and work, or the worse. We have to try to imagine what our
country would be like if everyone lived and acted in just the same way as we
do.
हम सब अपने देश
के नागरिक हैं या भविष्य में हो जाएंगे। किंतु हमें यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि
हमें अच्छे नागरिक बनना है या बुरे नागरिक हमें यह निश्चय करना है कि हम ऐसा जीवन व्यतीत करें
जिससे हमारा देश हमारे जीवन और कार्य के लिए अधिक अच्छा हो या अधिक बुरा हमें इस
बात के विषय में विचार करने का प्रयत्न करना चाहिए कि जिस प्रकार का जीवन व्यतीत
करें या कार्य करें यदि प्रत्येक व्यक्ति उसी प्रकार करें तो हमारा देश किस प्रकार
का होगा?
A chain is as strong
as its weakest link. Each one of us is a link in the chain that is our country.
If we are weak and poor citizens, then our country will suffer, even though we
may try to comfort ourselves with the false idea that it does not make any
difference what one person does in such a large country where so many people
live. But if one candle goes out, then in that one place there is darkness
instead of light. It is only when all the candles burn brightly then the whole
house will be full of light.
एक जंजीर उतनी ही मजबूत होती है जितना कि उसकी सबसे
कमजोर कड़ी होती है। हममें से
प्रतियेक जंजीर की कड़ी हैं जो हमारा देश है यदि हम
कमजोर और गरीब नागरिक हैं तो हमारे देश को कष्ट सहना होगा चाहे हम इस गलत विचार से
अपने आप को समझाने का प्रयत्न ही क्यों ना करें कि इतने बड़े देश में जहां पर इतने
अधिक व्यक्ति रहते हैं एक व्यक्ति के कार्य से कोई अंतर नहीं पड़ता। किंतु यदि एक
मोमबत्ती बुझ जाती है तो उस स्थान पर प्रकाश की जगह अंधकार हो जाएगा। संपूर्ण घर
उसी समय प्रकाश से भरा हुआ होगा जब सब मोमबत्तियां चमक के साथ जलेंगे।
Each of us, therefore, has the responsibility of being a good
citizen. We must see that our particular link in the chain is not a weak one.
When the Olympic Games were held in London in 1948, the flame was carried to
London from Greece, where the Olympic Games used to be held in times long ago.
This flame was carried by a long relay of runners right across Europe. Each
runner, carrying a lighted torch, ran for a certain distance till he came to
the place where a fresh runner was waiting for him. The new runner then lit his
torch from the one that had been carried to him.
अतः हम में से
प्रत्येक की यह जिम्मेदारी है कि वह अच्छा नागरिक बने हमें इस बात को अवश्य देखना
चाहिए कि जंजीर की हमारी कोई विशेष कड़ी कमजोर तो नहीं है। जब 1948 में लंदन में ओलंपिक खेल हुए तब यूनान से जहां
पर बहुत पहले ओलंपिक खेल हुआ करते थे एक ज्योति लंदन ले जाई गयी यह ज्योति धावकों की एक लंबी पंक्ति के द्वारा यूरोप के एक सिरे से दूसरे
सिरे तक ले जाएगी थी प्रत्येक धावक एक
जलती हुई मशाल लेकर एक निश्चित दूरी तक दौड़ता था जहां पर एक नया धावक उसका इंतजार
कर रहा होता था। जब धावक अपने पास तक लाई हुई मशाल से अपनी मशाल जलाता था।
As soon as he had
done this he set out to run with his lighted torch to where the next runner was
waiting. He had a fresh torch, which he, in his turn, lit from the one brought
to him. And so from runner to runner the flame was carried till it reached
London. From the last torch was lit the fire which burned all the time the
games were going on.
जैसे ही वह यह कार्य कर लेता था तो वह अपनी जलती हुई
मशाल के साथ उस स्थान तक दौड़ता था जहां पर दूसरा धावक उसका इंतजार कर रहा होता था उसके पास एक नई मशाल होती थी जिसे वह अपनी बारी पर अपने
पास लाई हुई मशाल से जलाता था इस प्रकार एक धावक से दूसरे धावक के मध्य से वह
ज्योति लंदन ले जाएगी थी। अंतिम मशाल से
वह अग्नि जलाई गई थी जो उस समय तक लगातार चलती रही जब तक खेल खेले जाते रहे।
Although nothing was said about it and no names were
mentioned, at one place there was an accident. One runner when handing over his
torch to a fresh runner, let it go out. How ashamed he must have been! He had
let the flame go out. He had broken the chain.
यद्यपि इसके
विषय में कुछ भी नहीं कहा गया किंतु एक स्थान पर एक दुर्घटना हो गई थी एक धावक ने
जब वह अपनी मशाल दूसरे नए धावक को दे रहा था अपनी मशाल को बुझजाने दिया। वह कितना लज्जित हुआ होगा! उसने जंजीर को तोड़ दिया था।
Each one of us, as we leave school, has a flame to carry
which we have to pass on to others. We have been given knowledge and skill.
These we pass on by using them in the service of our country. If we do not use
them, it means that we are letting the flame go out and none of us wants to do
that. But if we are going to be able to keep alight the torch that has been
given to us, we have to know how to look-after it and have to know how to hold
it as we run. In other words, we have to train ourselves for citizenship and
for service of our country.
हम में से प्रत्येक व्यक्ति के पास जब वह स्कूल
छोड़ता है एक ज्योति होती है जिसे हम दूसरों को देते हैं हमें ज्ञान और चतुर्य प्रदान किया गया है। देश
की सेवा में इनका प्रयोग करते हुए हम इन्हें दूसरों को देते हैं। यदि हम इनका
प्रयोग ना करें तो इसका अर्थ यह होगा कि हम ज्योति को बुझाने देते हैं और हम में
से कोई भी यह नहीं चाहता।
यदि हम उस मशाल को जो हमें दी गई है जलती हुई रखना चाहते हैं तो हमें इसकी देखभाल
करने का ज्ञान होना चाहिए और यह भी ज्ञात होना चाहिए कि दौड़ते समय यह किस प्रकार
पकड़ी जाती है। दूसरे शब्दों में हमें अपने आपको नागरिकता तथा देश की सेवा के लिए
प्रशिक्षित करना चाहिए।
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