A GIRL WITH A BASKET
-BY WLLIAM C. DOUGLAS
I had left New Delhi for the Himalayas. I was going as far
as Bareilly by train and then by car to
Ranikhet- an old British army hill station located on a 6,000-foot ridge
opposite a 120-mile stretch of snow-capped Himalayas. Then train was slow and
it stopped at all the way stations. At every stop, I swung open the door of my
compartment, and walked the platform.
हिन्दी अनुवाद - मैं नई दिल्ली से हिमालय के
लिए चल चुका था । बरेली तक मैं रेलगाड़ी से और फिर कार से रानीखेत तक जा रहा था जो
बर्फ से ढके हिमालय के सामने 120 मील वाले विस्तार में 6 , 000 फीट
ऊँचे पहाड़ी उठान पर स्थित पुरानी अंग्रेजी फौज की पहाड़ी छावनी थी । रेलगाड़ी की
गति धीमी थी और वह रास्ते में प्रत्येक स्टेशन पर रुकती थी। प्रत्येक स्टॉप पर मैं अपने डिब्बे के दरवाजे को खोल देता था
और प्लेटफाम पर टहल लेता था।
The platforms were
packed with people-Sikhs, Moslem, Hindus; soldiers, merchants, priests, porters,
beggars, hawkers. Almost everyone was barefoot and dressed in loose white
garments. I would ask at least three people before I could find one who spoke
English. We would talk world affairs and every major topic, the news of the day
produced. In this way I was trying to get a feel of the pulse of the nation,
checking opinion against official attitudes and report.
हिन्दी अनुवाद - प्लेटफॉर्म लोगों से पूरी तरह भरा था , जिनमें सिख , हिन्दू ,
फौजी
, व्यापारी , पुजारी , कुली , भिखारी
. फेरी वाले थे । लगभग प्रत्येक नंगे पैर और ढीले - ढाले सफेद कपड़े पहने हुए था ।
मुझे कम से कम तीन लोगों से पहले पूछना पड़ा था तब मुझे अंग्रेजी बोलने वाला एक
व्यक्ति मिलता था । हम उस दिन की खबरों पर आधारित दुनिया के मामलों
और हर बड़े प्रकरण पर बातें की । इस प्रकार से मैं सरकारी दृष्टिकोण तथा रिपोर्ट के विरुद्ध जनता के विचारों के विचारों से राष्ट के लोगों की भावनाओं को जानने
का प्रयास कर रहा था।
The route lay through
one of the richest of India's agricultural areas. This was the plain of the
upper Ganga River, a thousand feet above sea level but tropical. The Ganga was born silt, swollen with flood
waters, its overflow inundating thousands of acres of rice. To the north were
jungles-great expanses of grass, higher than a man's head and unbroken except
for an occasional clump of trees-the home of tigers, elephants, pythons, and
cobras.
हिन्दी अनुवाद -
वह रास्ता भारतवर्ष के सबसे समृद्ध कृषि क्षेत्रों से होकर गया था । यह गंगा नदी का ऊपरी मैदान था जो समुद्र
के तल से एक हजार फीट
ऊँचा था लेकिन उष्ण कटिबन्धीय था (अर्थात् वहाँ पर लम्ब समय तक खूब गर्मी व खूब
बरसात पड़ती थी।) भूरी रेत वाली गंगा बाढ़ से उफन रही थी और उसका उफान चावल की हजारों
एकड़ की फसल को पानी से डुबोए
हुए था । उत्तर की ओर जंगल थे - आदमी के सिर से ऊँची घास का लगातार अति विशाल
विस्तार था जो कहीं - कहीं पर वृक्षों के झुण्डों के अतिरिक्त कहीं से भी टूटा
नहीं था - जो शेरों , हाथियों , अजगरों और काले
नागों का घर था
Everywhere else there
was flat land running to the horizon, but dotted here and there by the sacred
banyan tree or by rows of pakar trees, shaped like elms, and having thick
twisted trunks. Hot, humid air was moving in from the south- west .
Monkeys-some of them mothers with babies clinging to them and riding underneath
swung off trees at the stations, looking for food. The villages we passed, had
walls made of mud mixed with water and cow-dung. Their peaked roofs were
thatched-bundles of grass tied to bamboo poles, stretched across the rafters.
That day the pumpkin vines that grew over them, were in bloom, trailing streaks
of yellow over drab walls.
इसके सिवाय सब जगह सपाट मैदान क्षितिज तक फैला
था लेकिन कहीं - कहीं पर इधर - उधर पवित्र बरगद का वृक्ष या पाकड़ के पेड़ों की
पंक्तिय थीं जिनका आकार देवदार वृक्ष की भाँति था तथा जिनके तने मोटे तथा मुड़े
हुए थे । दक्षिण - पश्चिम से गर्म नम चल
रही थी । वन्दर , जिनमें से कुछ बन्दरियाँ तो बच्चों को चिपकाये
हुए थीं , जो नीचे की और लटक रहे थे - भोजन की तलाश में पेड़ों से स्टेशन पर
कूद पड़े । जिन गाँवों में से हम गुजरे उनमें दीवारें पानी तथा गोबर मिली हुई
मिट्टी से लिपी हुई थीं । उनकी ऊँची नुकीली छतों की ढालू सीटों पर बाँस के डण्डों
पर घास के पूले कसकर बनाये हुए छप्पर थे । उस दिन उन भद्दी दीवारों पर उगी हुई
कद्दु काशीफल ) की लताएँ फूलों से लदी हुई थीं तथा उन मटमैली दीवारों पर
लम्बी पीली धारियाँ बना रही थीं
At one station, my routine of talking with the people was
interrupted. As soon as I alighted a group of young children gathered around
me. They were selling baskets-hand-woven, reed basket with simple designs and
patterns. They held the baskets high,
shouting words I did not know but conveying unmistakably their desire. –
एक स्टेशन पर लोगों से बातें करने का मेरा
सिलसिला रुक गया । जैसे ही में उतरा , छोटे - छोटे बच्चों के एक झुण्ड ने
मुझे घेर लिया । वे टोकरियाँ बेच रहे थे । टोकरियों को ऊपर उठाकर जो शब्द चिल्ला
रहे थे उन्हें तो में नहीं समझा किन्तु उनकी इच्छा निश्चित रूप से समझ रहा था ।
These were refugee children. When partition between India
and Pakistan was decreed, hundreds of thousands of people pilled up their roots
and changed their residences. Nine million people left Pakistan and came to
India, driven by the fear of religious fanaticism. They were poor people to
start with; they were poorer as they began their long trek, for all they could
carry, was a bit of food and a few belongings. Soon they were out of food. A
dew days after the y started, they began to fall by the way-side from the
weakness of hunger, and died, where they fell.
वे शरणार्थी बालक थे । जब भारत और पाकिस्तान के
बीच बँटवारा हुआ तो लाखों लोगों ने अपने पुराने घरों को छोड़ दिया तथा नये खोजे ।
धर्मान्धता के डर से नब्बे लाख लोगों ने पाकिस्तान छोड़ा और भारत में आ गये ।
आरम्भ में ये लोग गरीब थे , अपनी लम्बी पैदल यात्रा पर चलते हुए यह
लोग और भी गरीब हो गये ; क्योंकि जो कुछ भी वे ला सके वह केवल
थोड़ा - सा खाना और थोड़ी - सी चीजें थीं । शीघ्र ही उनका खाना - पानी समाप्त हो गया । कुछ दिनों बाद जब वे
चले तो भूख की कमजोरी से वे सड़क के किनारों पर गिरने लगे तथा जहाँ वे गिरे वहीं
मर गये ।
The children selling baskets were sons and daughters of
these refugees. They or their parents or relatives had gathered in the cities,
setting up stalls, manufacturing simple articles, trying had to make a living
in markets, already over crowded. They lived in cloth and grass sheds that
lined the streets.
हिन्दी अनुवाद - टोकरियाँ बेचने वाले बच्चे इन
शरणार्थियों के पुत्र - पुत्रियाँ थे । वे या उनके माँ - बाप या रिश्तेदार शहरों
में इकट्ठे हो गये थे , छोटी खुली दुकानें लगाकर और साधारण वस्तुएँ
बनाकर वे लोग पहले से ही बेहद भीड़ - भाड़ वाले बाजारों में उन्हें बेचकर अपनी
रोजी कमाने की चेष्टा कर रहे थे । कपड़े या घास के क बने छायादार स्थानों में वे लोग
रहा करते थे जिनकी पंक्तियाँ गलियों में लगी हई थीं ।
The peasants among these refugees, had been accustomed to
little all their lives for the annual income of an agricultural family does not
exceed, on an average, one hundred dollars a year. The average unskilled
labourer makes thirty cents a day or less than two dollars a week. There is one
meal a day--an onion, a piece of bread, a bowl of pulse with milk, perhaps a
bit of goat cheese. No tea, no coffee, no fat, no sweets, no meat.
इन शरणार्थियों
मे से जो किसान थे वे तो
थोड़े में ही गुजारा करने के अभ्यस्त थे क्योंकि एक खेतिहर की वार्षिक आय आसतन एक
सो डालर से अधिक नहीं होती । एक औसत दर्जे का अकशल मजदर तीस सेन्ट प्रति दिन या दा
डालरस कम प्रति सप्ताह कमाता है । इन्हें एक दिन में एक भोजन जिसमें एक प्याज ,
रोटी
का एक टुकड़ा , दूध के साथ एक कटोरी भर दाल और शायद बकरी के
दूध का थोडा पनीर ही प्राप्त होता है । चाय , कॉफी , घी ,
तेल
, मिठाई या माँस की कोई भी बात तक नहीं ।
. One hundred dollars a year is not two dollars a week, yet
even that small amount is hard to earn by selling baskets to people too poor to
buy them. That no doubt is the reason these little children descended on me
like locusts
प्रतिवर्ष एक सौ डॉलर के हिसाब से एक सप्ताह
में दो डॉलर भी नहीं पड़ते तो भी जो लोग इन टोकरियों को भी खरीदने के लिए धन नहीं
रखते उन लोगों को ये टोकरिया । बेचकर इतनी छोटी - सी रकम कमा लेना भी एक कठिन काम
है । निस्संदेह यही कारण था कि ये छोटे - छोटे बच्चे टिड्डियों की भाँति मुझ पर टूट
पड़े ।
I, an American, was doubtless the most promising market they
had seen. I bought one tiny basket for a few annas, another fruit basket for a
bit more, a beautiful waste paper basket for a rupee, a lovely sewing basket
for a rupee, a few fans for an anna or two a piece. My arms were filled and I had not spent fifty
cents.
उनके लिए मैं , अमेरिका का एक
निवासी . अब तक देखा गया । निस्संदेह सबसे अच्छा ग्राहक था । मैंने एक छोटी - सी टोकरी कुछ आनों में
, दूसरी टोकरी फलों के लिए कुछ अधिक में , रद्दी कागजों के
लिए एक सुंदर टोकरी एक रुपये में , सिलाई का सामान रखने के लिए एक प्यारी
- सी टोकरी । एक रुपये में , एक - एक दो - दो आने प्रति पंखे के
हिसाब से कुछ थोड़े - से पंखे खरीदे । मेरी बाँहें भर गई और । मैंने पचास सेन्ट भी
खर्च नहीं किये थे
The children passed in, shouting their wares. I was a
prisomer, completely surrounded, unable to move. The most diligent, aggressive
vendor was a beautiful girl of nine right in front of me. She had a lovely
basket with handle; and she wanted a rupee and a half for it or about thirty
cents. She was an earnest pleader. There were tears in her eyes. She pleaded
and begged in tones that would wring any heart.
अपने - अपने सौदों की आवाजें लगाते हुए बच्चे
आते चले गये । पूरी तरह से घिरा
हुआ मैं आगे बढ़ने में असमर्थ , एक कैदी बना हुआ था । सबसे अधिक मेहनती
तथा जोर देकर माल बेचने वाली मेरे ठीक सामने खड़ी हुई एक नौ वर्ष की सुन्दर लड़की
थी । उसके पास हैन्टिल वाली एक प्यारी - सी टोकरी थी ; वह उसके लिए
डेढ़ रुपये या लगभग तीस सेन्ट माँगती थी । उसकी याचना में बड़ी लगन थी । उसकी
आँखों में आंसू थे । उसने जिन स्वरों में विनती व याचना की उससे किसी का भी हृदय द्रवित हो सकता था।
My arms were full. I had no room, let along any need, for
another basket. Balancing my baskets and fans on my left arm, I reached into my
right coat pocket and got a handful of change--perhaps fifteen cents in
all--which I deposited in the basket that the young girl held imploringly
before me. I tried to explained that I could not buy the basket but extended the gratuity as
substitute. I realized at once what a offence I had given.
मेरी बाँहें भरी हुई । किसी दूसरी टोकरी के लिए
मेरे पास कोई स्थान नहीं था । अपनी बायीं बाँह पर अपनी टोकरियाँ एवं पंखे साधते हए
मैंने अपने कोट की दाहिनी जेब में हाथ डाला और एक मुट्ठी रेजगारी निकाली । सब
मिलाकर शायद पन्द्रह सेन्ट होंगे , और उसे उस टोकरी में डाल दिया जो वह
नन्हीं - सी बालिका मेरे सामने याचनापूर्ण ढंग से लिए खड़ी थी । मैंने समझाना चाहा
कि मैं टोकरी तो नहीं खरीद सकता था किन्तु उसके स्थान पर कुछ उपहार दे रहा था। तुरन्त
अनुभव किया कि मैं क्या अपराध कर बैठा ।
This child of nine, dressed in rags and on the edge of
starvation, raised her chain, reached into the basket, and with all the pride
and graciousness of a lady, handed the money back to me. There was only one
thing I could do. I bought the basket. She wiped her eyes, smiled and dashed
down the platform, headed for some grass hut that would have at least thirty
cents that right.
नौ वर्ष की इस बालिका ने जो चिथड़ों को पहने
हुए थी तथा भुखमरी के कगार पर थी , अपना चेहरा ऊँचा किया , टोकरी
में हाथ डाला और एक संभ्रान्त महिला के पूरे गर्व और शान के साथ पैसे मुझे वापस कर
दिये । अब मैं केवल एक ही काम कर सकता था । मैंने उसकी टोकरी खरीद ली । उसने अपने
आँसू पौंछ डाले , मुस्करायी तथा घास की किसी झोंपड़ी में जाने के
लिए प्लेटफॉर्म से तेजी से दौड़ती चली गई जहाँ पर उस रात उसके पास कम से कम तीस
सेन्ट तो होंगे ।
I told this story to Prime Minister, Pandit Jawaharlal Nehru.
I told him, it was one reason I had fallen in love with India.
The people I saw in India--those in the village as well as
those in high office--have both pride and lively sense of decency and
citizenship. They also have a passion for independence. This beautiful
child-born in squalor and poverty, uneducated in both grammar and manners-had
given me a glimpse of the warm soul of India.
मैंने यह कहानी प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल
नेहरू को सुनाई । मैंने उन्हें बताया कि यही एक कारण था । जिससे मुझे भारतवर्ष से
प्रेम हो गया था ।
जो लोग मैंने भारत में देखे - उनमें चाहे वे
गाँवों में हों या ऊँचे पदों पर हों - गर्व तथा सद्व्यवहार और नागरिकता के प्रति
एक जीवन्त भावना , दोनों का समावेश पाया । उनमें स्वतन्त्रता के
लिए जुनून भी है । यह
सुन्दर बालिका - जो गंदे स्थान तथा निर्धनता में पैदा हुई , जो व्याकरण तथा व्यवहार दोनों में अशिक्षित थी - मुझे भारत की
जीवन्त आत्मा की एक झलक दिखा गई ।
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